झूलता मीनार अहमदाबाद में स्थित है और यह दो हिलती मीनारों का जोड़ा है।

इस मस्जिद का निर्माण सिदी बशीर ने करवाया था जो सुल्तान अहमद शाह के शासनकाल में था

झूलता मीनार को अहमदाबाद का लाल क़िला भी कहा जाता है

इस मीनार का निर्माण राजपुताना प्रभावों के साथ गोथिक वास्तुकला के अनुसार किया गया था

झूलता मीनार का नाम इसलिए है क्योंकि यह दोनों मीनारों के हिलने के कारण हिलती मीनार के रूप में भी जाना जाता है

जब एक मीनार को धीरे से धक्का दिया जाता है तो दूसरी मीनार में कम्पन महसूस होता है . इसके बावजूद कि इसको जोड़ने वाला बीच का हिस्सा एकदम सिथर रहता है

झूलता मीनार का इतिहास काफी प्राचीन माना जाता है और इसे भारत के लिए बल्कि विश्व के लिए एक अनसुलझा रहस्य बना हुआ है

झूलता मीनार की वास्तुकला राजपुताना प्रभावों के साथ गोथिक वास्तुकला के अनुसार की गई है. इस मस्जिद के अंदर एक सीढ़ी बनाई गई है जो ऊपर जाकर झूलती मीनारों की दृष्टि देती है 

झूलता मीनार का प्रवेश शुल्क नहीं है और इसे सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रखा जाता है