प्रेमानंदः सपने में मृत सगे-संबंधी आते हैं, इसका क्या अर्थ है?

प्रेमानंद महाराज जी से एक भक्त ने पूछा कि उनके सपने में अक्सर मृत सगे-संबंधी आते हैं। इन सपनों का क्या अर्थ है? 

प्रेमानंद महाराज जी ने बताया कि सपने तीन प्रकार के होते हैं: 

1.मानसिक संबंधों से जुड़े सपने: ये वे सपने होते हैं जो हमारे रोजमर्रा के जीवन, विचारों और भावनाओं से जुड़े होते हैं। 

बिना किसी खास कारण के, हमारी कल्पना उन लोगों और घटनाओं के दृश्य बना सकती है जिनसे हमारा गहरा संबंध रहा है। 

2. कल्पनिक सपने: ये वे सपने होते हैं जिनका कोई वास्तविक आधार नहीं होता है। इनमें अजीबोगरीब घटनाएं और काल्पनिक किरदार हो सकते हैं।

3.भागवतिक सपने: ये दुर्लभ सपने होते हैं जिनमें महापुरुषों का आगमन होता है। इन्हें सत्य का संकेत माना जाता है। 

महाराज जी ने आगे कहा कि मृत सगे-संबंधियों का सपने में आना आमतौर पर दूसरे या तीसरे प्रकार का सपना होता है। 

इनका अर्थ सुख-दुख से नहीं, बल्कि हमारे कर्तव्यों से जुड़ा होता है। 

यदि हमने उनके प्रति जीवन में अपना कर्तव्य पूरा नहीं किया है, तो ये सपने हमें उनकी ओर ध्यान दिलाने के लिए आते हैं। 

प्रेमानंद महाराज जी का सन्देश: सपने हमारे जीवन का एक रहस्यमय पहलू हैं। इनकी व्याख्या करना हमेशा आसान नहीं होता है।

यदि आपको मृत सगे-संबंधियों के सपने आते हैं, तो महाराज जी के मार्गदर्शन का पालन करें और उनके प्रति अपना कर्तव्य पूरा करें।