सफदरजंग अस्पताल में उत्तर भारत का पहला त्वचा बैंक (Skin Bank) शुरू हुआ है
मंगलवार को अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएल शेरवाल ने नए इमरजेंसी ब्लॉक में इस त्वचा बैंक की शुरूआत की
मौत के बाद स्वजनों की सहमति से मृतक की त्वचा दान की जा सकती है
अस्पताल के डॉक्टर बताते हैं कि मौत के छह घंटे के भीतर त्वचा दान हो सकती है।
दान में मिली त्वचा से बर्न के मरीजों को बड़ी राहत और जिंदगी मिल सकती है
इसके अलावा डायबिटीज व हादसे के कारण हुए गंभीर जख्मों को जल्द भरने के लिए त्वचा प्रत्यारोपण हो सकेगा
इससे हादसा पीड़ितों व डायबिटीज के कारण ना भरने वाले जख्म से पीड़ित मरीजों को भी फायदा होगा
डॉ. शेरवाल ने बताया कि देश में हर वर्ष करीब 70 लाख लोग बर्न (जलने का) के शिकार होते हैं
इनमें से एक लाख 40 हजार बर्न पीड़ितों की मौत हो जाती है
इसका कारण यह है कि गंभीर रूप से जलने के बाद जख्म जल्दी भर नहीं पाते और त्वचा भी ठीक से विकसित नहीं हो पाती
Learn more
यह बेहद गंभीर समस्या है। त्वचा प्रत्यारोपण से ऐसे मरीजों का इलाज आसान हो सकता है।
Learn more