एग्जाम का शुरुआत 19वीं सदी में एक फ्रांसीसी दार्शनिक ने किया था
जिनका नाम सर हेनरी फिशेल था
वह अमेरिका के इंडियाना विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर थे
वह अमेरिका के एक व्यवसाई थे
उन्होंने ही सबसे पहले किसी भी व्यक्ति के प्रतिभा को जांचने के लिए एग्जाम को उचित समझा
छात्रों के बुद्धि का आकलन करने के लिए एग्जाम शुरू करने का अपना विचार भी प्रकट किया
उनका मानना था कि किसी भी व्यक्ति के जानकारी, शिक्षा,प्रतिभा, श्रेष्ठता आदि के बारे में निष्कर्ष निकालने से पहले उसका जांच करना जरूरी है
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क्योंकि जब पहले कोई भी बच्चा स्कूल में कॉलेज में पढ़ता था, तो एक क्लास से दूसरे क्लास में बिना Exam के ही पास होकर चला जाता था.
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