गुड़ खाओ-भोजन पचाओ, गन्ने के रस से पकनी शुरू हो गई गुड़ की चासनी

देहात में गन्ना कोल्हू है पश्चिम उप्र के गन्ना किसानों का लघु उद्योग

इंजन और बिजली से चलता है गन्ने का कोल्हू, नवरात्र के दूसरे दिन से ही बाजार में बढ़ जाती है नए गुड़ की आवक

अभी गन्ने के रस से नया गुड़ बनाने के लिए इस्तेमाल किया  जा रहा है पुराना गुड़ और चीनी

मिठाईयों को मात दे रहा है देहात के में किसानों के कोल्हू पर बनने वाला गुड़

गुड़ की  बर्फी, लड्डू, पंजीरी , पेड़ा समेत कई प्रकार के तैयार किए जा रहे हैं प्रोडेक्ट

बदलते जमाने के साथ गुड़ भी कई रूप में बदल रहा है

एक समय था जब पांच किलो और ढाई किलो गुड़ का वजन तैयार होता था

15 किलो वजन गुड़ को एक लोहे की बाल्टी में भरकर तैयार किया जाता था

लेकिन अब 100 से 200 ग्रामी की पेड़ी, बर्फी, लड्डू, पंजीरी आदि  प्रोडेक्ट भी तैयार किए जाते हैं

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