Mount Everest की उंचाई है 8,848 मीटर (29,029 फीट) और kailash parvat की मात्र 6,638 मीटर (21,778 फीट)
लेकिन फिर भी माउंट एवरेस्ट लगभग 7000बार फतह हो चुका है लेकिन कैलाश पर्वत पर आज तक कोई भी नहीं चढ़ सका।
एक पर्वतारोही थे Colonel R.C Wilson उन्होंने कहा कि मैं जैसे ही कैलाश पर्वत के सामने गया मुझे एक दर्रा दिखाई दिया और मुझे लगा की मैं यहाँ से चोटी तक चढ़ सकता हूं
लेकिन तभी अचानक इतनी ज़ोर की बर्फबारी हुई के उनके कदम वहीं के वहीं थम गए।
इसी तरह से रूस के एक पर्वतारोही थे, Sergey Chistiakov उन्होंने कहा जैसे ही मैं कैलाश पर्वत के नजदीक आया मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा, मेरी तबियत बिगड़ने लगी मुझे चक्कर आने लगे
और फिर मैंने निर्णय लिया की मुझे ऊपर नहीं चढ़ना है और जैसे ही मैं नीचे आया वैसे ही मैं अच्छा महसूस करने लगा।
कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश आखिरी बार 2001 में की गई थी
जब स्पेन की एक टीम को अनुमति मिली थी कैलाश फतह करने की पर ये असंभव कार्य वो भी ना कर सके और फिर 2001 के बाद से कैलाश पर्वत पर चढ़ाई प्रतिबंधित कर दी गई।
रूस के वैज्ञानिकों ने एक स्टडी करी और उन्होंने कहा कि कैलाश कोई प्राकृतिक पर्वत नहीं है बल्कि एक मानव निर्मीत संरचना है जिसे किसी दिव्य मानव ने बनाया होगा।
कैलाश पर्वत पर बहुत से परिक्षण हुए लेकिन आज तक कोई भी पता नही कर पाया की कैलाश विजय असंभव क्यूं है।
कैलाश को धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण एक तीर्थस्थल माना जाता है, और वहां चढ़ाई पर प्रतिबंध लगा है।