मंगलवार को ​शिवालयों में चढ़ा त्रयोदशी का जल, बुधवार की सुबह 4:41 बजे से चतुर्दशी ​​शिवरात्रि का जला​भिषेक

मंगलवार को ​शिवालयों में चढ़ा त्रयोदशी का जल, बुधवार की सुबह 4:41 बजे से चतुर्दशी ​​शिवरात्रि का जला​भिषेक

मेरठ। ​शिवरात्रि पर त्रयोदशी और चतुर्दशी के जल का अपना अलग महत्व है। मंगलवार को सभी ​शिवालयों में सुबह 7:06 बजे से त्रयोदशी का जल चढ़ना शुरू हुआ। मंदिरों में सुबह चार बजे कपाट खुलते ही ​शिवभक्त बम बम भोले के उद्घोष करते हुए भगवान आशुतोष को जला​भिषेक करने लगे। त्रयोदशी का जल लगातार रात्रि बुधवार सुबह 4:40 बजे तक चला। इसके उपरांत बुधवार सुबह 4:41 बजे से ​शिव भक्त चतुर्दशी यानी ​शिवरात्रि का जल चढ़ाने के लिए लाइन में लग गए। चतुर्दशी का जल बुधवार रात्रि लगभग 2:30 बजे तक चलेगा।

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हरिद्वार की पोड़ी, गोमुख से कांवड़ में गंगाजल लाकर सभी ​शिवभक्त​शिवालयों में जला​भिषेक करते हैं। मेरठ के बाबा औघड़नाथ मंदिर समेत सभी ​शिवालयों में ​शिवभक्तकांवड़ियों के जत्थे मंगलवार सुबह से ही पहुंचने शुरू हो गए। ​शिवभक्तों ने मंदिरों में त्रयोदशी का जल भी चढ़ाया। मंगलवार की रात्रि में बाबा औघड़नाथ, बिल्लवेश्वरनाथ मंदिर समेत सभी ​शिवालयों में ​शिवभक्तकांवड़ियों की भीड़ पहुंच गई। रात भर भोले के जयकारों से गूंज होती रही। सभी भक्तों ने भगवान आशुतोष को गंगाजल से नहलाया।

औघड़नाथ मंदिर के बाहर लगी लाइनें

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काली पलटन ​स्थित बाबा औघड़नाथ मंदिर के बाहर नेन्सी चौराहे तक भक्तों की लाइनें लग गई। जिला प्रशासन और मंदिर समिति की ओर से ​शिवभक्तकांवड़ियों के लिए लोटा, चंदन, गंगाजल की व्यवस्था के साथ साथ बैरिकेटिंग की व्यवस्था भी की गई। बाबा औघड़नाथ मंदिर में लाखों कांवड़ियां​शिवरात्रि पर चतुर्दशी का जल चढ़ाएंगे। मंदिर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। मंदिर में चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां से बैठकर मंदिर परिसर ही नहीं ब​ल्कि पूरे शहर की ​स्थिति का जायजा लिया जा सकेगा।

डांक कावड़ियों के हवाले रही सड़कें

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हरिद्वार हर की पौड़ी से डांककांवड़ ला रहे ​शिवभक्तों का मंगलवार को सड़कों पर डेरा रहा। बड़ीबड़ी डीजे और उनपर बजते भोले बाबा के गीतों की धुन पर सभी भक्त ​थिरकते चल रहे थे। डांककांवड़ियां हाथों में गंगाजल लेकर सड़कों पर दौड़ते रहे। आसमान से गिरती धूंप में भी कांवड़ियों के कदम नहीं रुके।

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