- रेलवे भर्ती बोर्ड करेगा वार्षिक कैलेंडर जारी, आधार और बायोमेट्रिक से होगी आवदेक की पहचान
नई दिल्ली। रेलवे ने कर्मचारी और अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए नई तकनीकि के साथ नए युग की शुरूआत की है। रेलवे भर्ती बोर्ड वार्षिक कैलेंडर जारी करेगा। अभ्यर्थियों की पहचान आधार से होगी और एक मुश्त पंजीकरण कराने के बाद अन्य परीक्षाओं में भी बैठा जा सकेगा।

भारतीय रेलवे देश में सबसे अधिक नौकरी देने वाला विभाग है। लाखों युवाओं को रोजगार देता है। भर्ती प्रक्रिया को एक नई पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता हो इसपर रेलवे ने कदम उठाया है। इनसे परीक्षा प्रणाली को पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त और भरोसेमंद बनाने की दिशा में भी क्रांतिकारी कदम है। रेलवे का यह कदम देश के करोड़ों युवाओं के लिए एक नया भरोसा लेकर आया है। रेलवे अब सिर्फ रेल संचालन तक सीमित नहीं रहकर, राष्ट्रीय निर्माण में युवाओं की भागीदारी को और अधिक सशक्त बनाने में जुटा है।
रेलवे भर्ती के ये हुए हैं मुख्य सुधार
वार्षिक भर्ती कैलेंडर :अब रेलवे हर साल सभी प्रमुख पदों एएलपी, टैक्निशियन, एनटीपीसी, आरपीएफ, पैरामेडिकल, लेवल वन के लिए भर्ती का सालाना कैलेंडर जारी करेगा। इससे अभ्यर्थियों को समय पर तैयारी का अवसर मिलेगा और परीक्षा की तिथियों को लेकर कोई भ्रम नहीं रहेगा।
आधार आधारित ईवाईसी और फेस रेकग्निशन : प्रत्येक उम्मीदवार की पहचान अब आधार नंबर और लाइव फेस स्कैन के माध्यम से की जाएगी। इससे नकल और फर्जीवाड़े पर प्रभावी रोक लगेगी।
एकमुश्त पंजीकरण वन टाइम रजिस्ट्रेशन : उम्मीदवारों को हर बार नए फॉर्म भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक बार ओटीआर करने के बाद उसी प्रोफाइल से सभी भर्तियों में आवेदन किया जा सकेगा।
पीडब्लूबीडी उम्मीदवारों के लिए समावेशी वेबसाइट : दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए RRB की वेबसाइट को अधिक सुलभ और अनुकूल बनाया गया है।
धार्मिक प्रतीकों की अनुमति : अब परीक्षा में धार्मिक प्रतीकों जैसे पगड़ी, बिंदी आदि की अनुमति होगी। बशर्ते कि वे सुरक्षा के अनुरूप हों।
चयनित पदों की परीक्षा तिथियाँ(2024–25)
पद परीक्षा तिथि
एएलपी 25–29 नवम्बर 2024
टैक्निशियन 19–30 दिसम्बर 2024
एनटीपीसी स्नातक 5–24 जून 2025
आरपीएफ कांस्टेबल 2–18 मार्च 2025
ग्रुप डी 4 नवम्बर – 17 दिसम्बर 2025
तकनीकी व्यवस्था और परीक्षा सुरक्षा
रेलवे ने बताया कि सभी परीक्षाएं 250 किमी के भीतर स्थित केंद्रों पर आयोजित होंगी। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी, जैमर, बायोमेट्रिक लॉगिन और हाई-एंड सर्वर जैसी तकनीक का उपयोग किया जाएगा।