- अभी सड़कों पर कांवड़ियों की भीड़ नहीं, प्रशासन ने बल्लियों से बंद कर दिए डिवाडर कट
- शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर भी रोक, खादय सामग्री से भरे खड़े हैं ट्रक
मेरठ। कांवड़ यात्रा के दौरान मेरठ की जनता और व्यापार रस्सी और डिवाइडरों पर लगाई गई बल्लियों की सामने बेबस हो गया है। अभी मेरठ की सड़कों पर पूरे दिन में आठ-दस कांवड़ियां ही दिख रहे हैं इसके बावजूद प्रशासन ने मार्ग बंद करके अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है। शहर के व्यापार पर भी फर्क पड़ना शुरू हो गया है। शनिवार को ट्रांसपोर्टर इकटठा होकर एसपी ट्रैफिक से मिले और सामान से भरे ट्रकों को शहर में आने की अनुमति देने की मांग की।
हरिद्वार, गोमुख, ऋषिकेश से कांवड़ में गंगाजल लेकर आने वाले लाखों शिवभक्त कांवड़ियां मेरठ से गुजरते हैं। इनमें मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, हापुड़, बुलंदशहर, आगरा, अलीगढ़, मथुरा आदि शहरों के कांवड़िया शहर के बीच दिल्ली रोड, एनएच 58, हापुड़ रोड से गुजरते हैं। वैसे तो सरकार ने गंगनहर की पटरी पर चौ. चरण सिंह कांवड़ मार्ग बनाया हुआ है। जो पूरी तरह कांवड़ियों को समर्पित कर दिया गया है। इसके बावजूद भी कांवड़ियां शहर की सड़कों से गुजरते हैं। यही कारण है कि प्रशासन को कांवडियों की सुविधा के लिए मार्ग पर भारी वाहनों की आवागमन बंद करना पड़ता है।
भारी वाहन बंद होने से मंडी भी भी होगी प्रभावित

प्रशासन ने भारी वाहनों का शहर में प्रवेश बंद कर दिया है। जिसका असर शहर के बाजार और मंडी पर पड़ेगा। बाहर से आने वाली सब्जी, फल व खाद्यान मंडी नहीं पहुंच पाएगा। जिसका असर महंगाई पर भी पड़ेगा। फिलहाल मंडी के थोक व्यापारियों ने आलू, प्याज आदि सब्जियों का स्टॉक किया हुआ है, कुछ सब्जी स्थानीय किसानों द्वारा अपने संसाधनों से भेजी जा रही है।ऐसा ही हाल फल मंडी और खाद्यान का भी है। खाद्यान मंडी में दाल, चावल, घी, तेल सभी का स्टाॅक है, लेकिन फल मंडी की स्थिति सबसे अधिक नाजुक हो सकती है।
गैस और डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति में भी आ सकती है दिक्कत
शहर की सड़कों पर बल्लियों का जाल और भारी वाहनों के प्रतिबंध का असर घरेलू गैस और डीजल व पेट्रोल की आपूर्ति पर भी पड़ सकता है। हालांकि अभी तक ऐसी कोई दिक्कत सामने नहीं आयी है। प्रशासन ने जरूरी सामान लाने वाले वाहनों के पास जारी करने का भी निर्णय लिया हुआ है।
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