पूर्वोत्तर भारत को मिली नई रफ्तार : बइरबी–सायरंग रेल लाइन से मिजोरम में बहेगी विकास की बयार

पूर्वोत्तर भारत को मिली नई रफ्तार : बइरबी–सायरंग रेल लाइन से मिजोरम में बहेगी विकास की बयार
  • 7,714 करोड़ की बइरबी–सायरंग रेल परियोजना पर दौड़ने लगी ट्रेनें, पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा

मिजोरम। मिजोरम के इतिहास में पहली बार इस पर्वतीय राज्य की राजधानी आइजोल को देश के ब्रॉड गेज रेलवे नेटवर्क से जोड़ा गया है। बइरबी–सायरंग ब्रॉड गेज रेल परियोजना पूरी हो गई है। यह न केवल मिजोरम, बल्कि समग्र पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास और सामाजिक समरसता के लिए भी एक क्रांतिकारी कदम है।

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मिजोरम भारत का एक दूरस्थ, पहाड़ी और सीमावर्ती राज्य है। जिसकी सीमाएं उत्तर में असम और मणिपुर, पश्चिम में त्रिपुरा और बांग्लादेश तथा पूर्व व दक्षिण में म्यांमार से मिलती हैं। समुद्र से कटा होने और ऊबड़-खाबड़ भौगोलिक संरचना के कारण यह राज्य अब तक सड़क मार्ग पर ही निर्भर था। सीमित सड़क कनेक्टिविटी और अविकसित बुनियादी ढांचे के कारण यह क्षेत्र देश की मुख्यधारा से कटा-कटा महसूस करता था।

कुतुबमीनार से भी ऊंचे पुल से गुजर रही है बइरबी-सायरंग रेल परियोजना

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 नवंबर 2014 को 7,714 करोड़ की बइरबी–सायरंग रेल परियोजना की आधारशिला रखी थी। यह परियोजना 2025 में पूरी हुई और जून 2025 में रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) ने इसके संचालन की अनुमति प्रदान की।

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परियोजना के अंतर्गत 51.38 किमी लंबी ब्रॉड गेज रेलवे लाइन का निर्माण किया गया है। जिसपर 100 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेनों का परिचालन संभव है। इस रेल खंड पर बइरबी से सायरंग के बीच हॉर्तोकी, कवनपुई और मुआलखांग स्टेशन स्थित हैं। परियोजना में कुल 48 सुरंगें बनाई गई हैं, जिनकी कुल लंबाई 12.85 किमी है। इसके अलावा, 55 बड़े पुल और 87 छोटे पुल, 5 रोड ओवरब्रिज तथा 9 रोड अंडरब्रिज भी बनाए गए हैं। इनमें से सबसे ऊंचा पुल 104 मीटर ऊंचा है, जो दिल्ली की कुतुबमीनार से भी ऊंचा है।

युवाओं को मिलेंगे रोजगार, बढ़़ेगा व्यापार

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यह परियोजना मिजोरम के आम नागरिक, विशेषकर ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को न केवल स्वास्थ्य सेवाएं और उच्च शिक्षा तक पहुंच आसान होगी, बल्कि राज्य के युवाओं को रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर भी मिलेंगे।पर्यटन की दृष्टि से मिजोरम की मनोहारी प्राकृतिक छटा, सुरंगें, घाटियाँ और पुल इस रेल यात्रा को यादगार अनुभव में बदल देंगे।

अब मिजोरम की राजधानी आइज़ोल भी भारतीय रेल मानचित्र पर दर्ज हो चुकी है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर की अन्य राज्य राजधानियाँ – गुवाहाटी (असम), इटानगर (अरुणाचल प्रदेश), अगरतला (त्रिपुरा), और शिलांग (मेघालय) (हालांकि शिलांग आंशिक रूप से) ब्रॉड गेज नेटवर्क से जुड़ चुकी हैं।

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