रतलाम-नागदा रेलखंड को मिलेगी नई रफ्तार, तीसरी और चौथी लाइन से जुड़ेगा विकास का ट्रैक

रतलाम-नागदा रेलखंड को मिलेगी नई रफ्तार, तीसरी और चौथी लाइन से जुड़ेगा विकास का ट्रैक
  • उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और दिल्ली को पश्चिमी तट के बंदरगाहों से मिलेगी कनेक्टिविटी
  • खजुराहो से ओंकारेश्वर तक, रेलवे बनेगा मध्यप्रदेश पर्यटन का सेतु

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान के अंतर्गत रतलाम-नागदा रेलखंड की तीसरी और चौथी रेल लाइन को मंजूरी दे दी गई है। यह परियोजना मध्य प्रदेश के विकास में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी। 41 किलोमीटर लंबा रतलाम-नागदा रेल सेक्शन अब तीसरी और चौथी लाइन के साथ चार ट्रैकों वाला बन जाएगा, जिसकी कुल लागत ₹1,018 करोड़ निर्धारित की गई है। रतलाम जंक्शन देश के उन महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शनों में शामिल है, जहां से उत्तर (नागदा), दक्षिण (वडोदरा), पूर्व (इंदौर) और पश्चिम (चित्तौड़गढ़) की ओर सीधी रेल कनेक्टिविटी है। इस परियोजना से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को पश्चिमी तट के बंदरगाहों से तेज और सुगम कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी और आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी।

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यह जानकारी बृहस्पतिवार को केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली ​स्थित रेल भवन में मीडिया को दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में बुनियादी ढांचे को गति देने के लिए लगातार नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा रही है। यह परियोजना ‘जीरोकार्बन’ लक्ष्य की दिशा में भी बड़ा कदम है। इससे हर वर्ष लगभग 38 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 1.5 करोड़पेड़ों के बराबर है। 11वें वर्ष तक यह संख्या बढ़कर 16.5 करोड़पेड़ों के बराबर होगी। साथ ही, 7.5 करोड़ लीटर डीज़ल की बचत भी संभव होगी।

परियोजना से 27 लाख मानव दिवस का मिलेगा रोजगार

इस परियोजना से लगभग 27 लाख मानव-दिवस का रोज़गार भी सृजित होगा। इसके अलावा यह रतलाम क्षेत्र से नागदा थर्मल पावर प्लांट, विस्कोस फाइबर एवं केमिकल प्लांट जैसे औद्योगिक इकाइयों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। कृषि उत्पादों, कोयला, कंटेनर और पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में भी गति और कुशलता आएगी।

पर्यटन स्थलों के लिए वरदान साबित होगी

परियोजना से खजुराहो, ग्वालियर, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, ओंकारेश्वर, सांची, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, अमरकंटक और भीम जन्मभूमि जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे राज्य के पर्यटन उद्योग को नया बल मिलेगा।

राजस्थान और बैंगलुरू के लिए चलेंगी नई ट्रेन

रेल मंत्री ने यह भी बताया कि हाल ही में दिल्ली से डॉ. अंबेडकर नगर के लिए एक नई ट्रेन सेवा शुरू की गई है। इसके साथ ही रीवा-सतना-जबलपुर-पुणे, जबलपुर-रायपुर और ग्वालियर-पुणे-भोपाल-बेंगलुरु के लिए तीन और नई ट्रेन सेवाओं को भी मंजूरी दी जा चुकी है। इनकी समय-सारणी तय हो चुकी है और ये जल्द शुरू की जाएंगी। इस अवसर पर उज्जैन-अलोट के सांसद अनिल फिरोजिया भी उपस्थित थे। इनके अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी वर्चुअल जुड़े।

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