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2000 Rupees Note: कहां गए 2000 के नोट?

2000 Rupees Note: एक बात आपने नोटिस की होगी कुछ समय से 2000 के नोट मार्केट में दिखते ही नहीं, मार्केट में सिर्फ 500,1000 के नोट ही दिखाई देते हैं। यह एक सोची समझी रणनीति है इंडियन गवर्मेंट की.

2016 में जब नोटबंदी की गई उसके बाद अब 6 साल हो गए हैं। अब मार्केट में 2000 के नोट बहुत मुश्किल से देखने को मिलते हैं क्योंकि गवर्नमेंट ने ऐसा ही प्लान किया था।

आरटीआई के मुताबिक, साल 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान 2,000 रुपये का कोई नया नोट (2000 Rupees Note) नहीं छापा गया. आरबीआई नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2016-17 में 2,000 रुपये के 3,5429.91 करोड़ नोट छापे थे.

इसके बाद 2017-18 में काफी कम 1115.07 करोड़ नोट (2000 rupee note) छापे गए और 2018-19 में इसे और कम कर मात्र 466.90 करोड़ नोट छापे गए।

ऐसे ही हर साल 2000 के नोट छापने की संख्या कम करदी गई और धीरे-धीरे गवर्नमेंट 2000 के नोटों को वापस कलेक्ट कर रही है ऐसा इसलिए क्योंकि Black money का डिपोजिट फिर से बढ़ने लगा है।

मार्केट में जितनी 2000 की नोट छोड़ी गई थी उसका केवल 65% ही गवर्नमेंट को रिकवर हो पाया है बाकी सब फिर से स्टोर करके रख लिया गया हैं। गवर्नमेंट का यही प्लान था 1000 का नोट बंद करके 2000 का नोट लाएंगे ताकि जो काला धन रखते हैं वो फिर से काला धन जमा करके रख लें और फिर से सरकार डिमॉनेटाइजेशन लेकर आएगी और 2000 नोट बंद हो जाएंगे।

अब इससे जिसका पैसा घर पर रक्खा है वो ऐसे ही बर्बाद हो जाएगा।इतना ही नहीं नकली नोटों का प्रचलन बहुत तेजी से फैल रहा है, जो कि 2000 के नोट को कॉपी करके और ज्यादा बढ़ावा दे रहा है धोखेबाजों को।

इससे एक बात साफ होती है कि मोदी जी फिर से डिमॉनेटाइजेशन ला सकते हैं तो अगर आप या आपका कोई मित्र काला धन रखता है तो उसको से जान लेना चाहिए।

मेरठ, उत्तर प्रदेश के छोटे से गाँव पांची में जन्मे और पले-बढ़े रोहित सैनी पेशे से इंजीनियर हैं, लेकिन उनका असली जुनून लोगों तक जानकारी पहुँचाना है। वो मानते हैं कि सीखना तभी आसान और असरदार होता है जब जानकारी अपनी ही भाषा में मिले। इसी सोच के साथ उन्होंने यह खास प्लेटफॉर्म बनाया, जहाँ जटिल से जटिल विषयों को आसान और साफ़ भाषा में समझाया जाता है—वो भी हिंदी में, ताकि हर कोई बिना किसी रुकावट के सीख सके।

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