मेरठ में बनेगा ज्वेलरी पार्क

मेरठ में बनेगा ज्वेलरी पार्क! जानें कैसे मिलेगा कारीगरों को फायदा

मेरठ में ज्वेलरी इंडस्ट्री को संगठित और विकसित करने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (MDA), मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन, मेरठ जेम्स एंड ज्वेलरी फेडरेशन और राइट्स कंपनी के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में राइट्स कंपनी द्वारा ज्वेलरी पार्क/फैक्ट्री फ्लैटेड कॉम्प्लेक्स के निर्माण पर प्रेजेंटेशन दिया गया, जिसमें दो अलग-अलग प्लान पेश किए गए।

📌 दो बड़े प्लान – व्यापारियों के लिए नई संभावनाएं

राइट्स कंपनी के प्रतिनिधि आशीष जी ने बैठक में दो प्रस्तावित प्लान प्रस्तुत किए—

🔹 प्लान A:

196 यूनिट्स (छोटी-बड़ी सभी फैक्ट्रियों के लिए)
63,500 स्क्वायर मीटर का कवर्ड एरिया

🔹 प्लान B:

214 यूनिट्स (छोटी और बड़ी सभी यूनिट्स शामिल)
64,500 स्क्वायर मीटर का कवर्ड एरिया

🔸 यह भवन बेसमेंट पार्किंग के साथ 5 फ्लोर का होगा, जिसमें 1.4 FAR (Floor Area Ratio) का उपयोग किया जाएगा।
🔸 एक ही गेट से एंट्री होगी, जिससे सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए केवल अधिकृत लोग ही अंदर जा सकेंगे।

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क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?

इस ज्वेलरी पार्क को अत्याधुनिक तकनीकों और उच्च सुरक्षा मानकों के साथ तैयार किया जाएगा। इसमें शामिल होंगी—

कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC)
बैंक और कस्टम ऑफिस
गार्ड रूम और सुरक्षा व्यवस्था
24×7 पॉवर बैकअप और गैस सप्लाई
एयर पाइप लाइन, ETP (Effluent Treatment Plant) और STP (Sewage Treatment Plant)
गोल्ड लॉकर रूम और सुरक्षित स्टोरेज सुविधा

🔸 यह ग्रीन बिल्डिंग डिज़ाइन पर आधारित होगा, जिससे यह इको-फ्रेंडली और ऊर्जा-कुशल होगा।
🔸 कंटेंपरेरी आर्किटेक्चर और एडवांस टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन इसे आधुनिक बनाएंगे।

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🎯 ज्वेलरी पार्क से व्यापारियों को क्या फायदा होगा?

✔️ मेरठ की पारंपरिक लाइटवेट ज्वेलरी इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा।
✔️ कारीगरों को संगठित सेक्टर में लाने और उनकी सुविधा बढ़ाने का प्रयास होगा।
✔️ नई पीढ़ी इस व्यवसाय से जुड़ने को प्रोत्साहित होगी।
✔️ MSME सेक्टर को मजबूती मिलेगी, जिससे नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
✔️ उत्पादन और बिक्री की प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और सुगम बनाया जाएगा।

🏗️ व्यापारियों की मुख्य मांगें और सुझाव

बैठक में उपस्थित व्यापारियों ने कई महत्वपूर्ण मांगें और सुझाव दिए—

🔹 अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि ज्वेलरी पार्क में लॉजिस्टिक्स स्पेस अनिवार्य रूप से उपलब्ध होना चाहिए, ताकि कारीगरों के आभूषण बाजारों तक आसानी से पहुंच सकें।

🔹 संरक्षक राजेंद्र जैन ने बाहरी खरीदारों (बायर्स) के लिए अलग गेस्ट हाउस ब्लॉक बनाने का सुझाव दिया, जिससे बाहरी व्यापारी मेरठ आकर व्यापार कर सकें।

🔹 महामंत्री विजय आनंद अग्रवाल ने ज्वेलर्स के लिए एक आधुनिक कॉम्प्लेक्स की मांग की, जिससे वर्कशॉप और रिटेल शोरूम एक-दूसरे के पूरक बन सकें।

🔹 ऋषभ महेश्वरी ने कहा कि सुरक्षा मानकों को कड़ा किया जाए, जिससे एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में जाने पर भी सुरक्षा जांच हो।

🔹 मनोज गर्ग ने FAR (Floor Area Ratio) को निशुल्क बढ़ाने की मांग रखी।

🔹 अमित अग्रवाल ने बताया कि मुंबई में इसी तर्ज पर ज्वेलरी पार्क बनाया जा रहा है, जहां—

  • GST में सब्सिडी
  • बिजली बिल में छूट
  • कम दरों पर लोन जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।

🔹 अक्षत जैन ने सुझाव दिया कि मुंबई की तरह ही पहली रजिस्ट्री करने पर स्टांप शुल्क पूरी तरह माफ किया जाए।

🔹 लोकेश अग्रवाल ने मांग रखी कि बिना किसी गारंटी के वर्किंग कैपिटल और स्थाई निर्माण हेतु लोन दिया जाए।

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सर्राफा बाजार को नियमित करने की मांग उठी

नरेश माहेश्वरी ने बैठक में एक बड़ा मुद्दा उठाया—

👉 मेरठ का सर्राफा बाजार सैकड़ों वर्षों पुराना है, लेकिन मेरठ विकास प्राधिकरण (MDA) द्वारा इसे अनियमित घोषित कर दिया गया है।
👉 उन्होंने मांग की कि सर्राफा बाजार, नील की गली, कागजी बाजार, कच्ची सराय, बाजार बजाजा, लाला का बाजार, पत्थर वालान, ठठेरवाड़ा, शीश महल आदि बाजारों की दुकानों और वर्कशॉप को भू उपयोग बदलकर नियमित किया जाए।

बैठक में कौन-कौन मौजूद था?

इस महत्वपूर्ण बैठक में कई प्रमुख व्यापारी और अधिकारी शामिल थे, जिनमें शामिल हैं—

👤 मेरठ विकास प्राधिकरण (MDA) के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे
👤 टाउन प्लानर विजय सिंह
👤 राइट्स कंपनी के प्रतिनिधि आशीष जी
👤 मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन एवं मेरठ जेम्स एंड ज्वेलरी फेडरेशन के पदाधिकारी:

  • राजेंद्र जैन
  • प्रदीप अग्रवाल
  • विजय आनंद अग्रवाल
  • लोकेश अग्रवाल
  • अशोक रस्तौगी
  • मनोज गर्ग
  • नरेश महेश्वरी
  • दीपक जौहरी
  • अनुज जैन
  • अक्षत जैन
  • ऋषभ महेश्वरी
  • अमित अग्रवाल
  • मनोज वर्मा

🔍 क्या मेरठ का ज्वेलरी पार्क व्यापारियों के लिए फायदेमंद होगा?

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मेरठ, उत्तर प्रदेश के छोटे से गाँव पांची में जन्मे और पले-बढ़े रोहित सैनी पेशे से इंजीनियर हैं, लेकिन उनका असली जुनून लोगों तक जानकारी पहुँचाना है। वो मानते हैं कि सीखना तभी आसान और असरदार होता है जब जानकारी अपनी ही भाषा में मिले। इसी सोच के साथ उन्होंने यह खास प्लेटफॉर्म बनाया, जहाँ जटिल से जटिल विषयों को आसान और साफ़ भाषा में समझाया जाता है—वो भी हिंदी में, ताकि हर कोई बिना किसी रुकावट के सीख सके।

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