- फ्लेट पर कब्जा दिलाने की एवज में 15 हजार रुपये की ली रिश्वत
मेरठ। आवास विकास परिषद् के कनिष्ठ लिपिक परमीत कुमार को रिश्वत लेते समय एंटी करेप्शन की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। बाबू ने आवंटी से कब्जा दिलाने के नाम पर 15 हजार रुपये रिश्वत ली। टीम ने बाबू को नोटों सहित गिरफ्तार करके थाना नौचंदी पुलिस के हवाले कर दिया। साथ ही भ्रष्टाचार के आरोप में एफआईआर दर्ज करायी। आरोपी बाबू को बृहस्पतिवार को जेल भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि अब से पहले भी एक बाबू रिश्वत लेते पकड़ा गया था।
एंटी करेप्शन की इंस्पेक्टर अर्चना सिंह ने बताया कि कपड़ा व्यापारी जगानंद निवासी जागृति विहार ने योजना 11 में एक फ्लैट लिया था। लेकिन वह समय पर किस्त नहीं दे पाया था। आवास विकास की स्कीम के तहत जो व्यक्ति समय पर किस्त का भुगतान नहीं कर पाते हैं उनको भवन पर पुर्नजीवित कब्जा दिया जा सकता है।
चूंकि लिपिक परमीत कुमार आवास विकास की योजना 11 का ही काम देख रहा है। इसलिए जगानंद लिपिक के संपर्क में आया। लिपिक ने उससे कब्जा दिलाने के नाम पर 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। पीड़ित ने इसकी सूचना एंटी करप्शन में दी। शिकायत से जिलाधिकारी को अवगत कराया। छापा मारने के लिए टीम बनायी गई। जिसमें दो प्रशासनिक अधिकारियों को भी रखा गया।
बुधवार को दोपहर 12.30 बजे टीम आवास विकास परिषद कार्यालय शास्त्रीनगर पहुंची। रिश्वत मांगने वाले लिपिक को पकड़ने का जाल बिछाया। जगानंद ने लिपिक को फोन करके मिलने की बात कही। शाम 3.40 बजे बाबू ने अपनी कुर्सी पर पहुंचते ही उसको बुला लिया।
जैसे ही जगानंद ने लिपिक को रिश्वत के 15 हजार रुपये थमाए तो टीम ने रंगे हाथों लिपिक को पकड़ लिया। टीम आरोपी को पकड़कर थाने ले गई। उधर इस घटना के बाद आवास विकास परिषद कार्यालय के कर्मचारियों में हड़कंप मचा रहा। कोई अधिकारी भी बोलने को तैयार नहीं हुआ।