मेरठ। केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान मेरठ पहुंचकर किसानों से मिले और उनके मन की बात की। उन्होंने जहां मेरठ की धरती पर पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह की उपलब्धियां गिनानी। साथ ही कहा कि कृषि का देश की आर्थिक मजबूती में बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह से बड़ी प्रेरणा खेती के लिये और कोई नहीं हो सकती। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा है। किसान अन्नदाता भी है और जीवनदाता भी। विकसित खेती और समृद्ध किसानों के बिना विकसित भारत की कल्पना अधूरी है।

उन्होंने मेरठ के दबथुआस्थित एक स्कूल में किसानों की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 29 मई को चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि से ही ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’प्रारम्भ किया है। खेतों में जाकर ही समस्या का असली पता चलता है। जैसे आज गन्ने की खेती में देखा की एक रोग जिसे स्थानीय भाषा में किसान ‘लालसड़न’ कहते है, किस प्रकार से हानिकारक है। उन्होंने कहा कि किसानों और वैज्ञानिकों को जोड़ने और ‘लैब टू लैंड’ की दिशा में आगे बढ़ने के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की कल्पना की गई है। शोध का लाभ किसानों तक पहुंचे इसके लिए 16 हजार वैज्ञानिकों की 2170 टीमें बनाई गई हैं, जो गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि जो लोग खेती के लिए नकली दवाइयां बनाकर व्यापार कर रहे हैं। उनके खिलाफ जल्द ही सख्त कानून बनाया जायेगा। उनके लाइसेंस भी रद्द कर दिये जायेंगे। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति डॉ. के. के. सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट सहित वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक व बड़ी संख्या में किसान कार्यक्रम में शामिल रहे।
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