- उत्तराखंड में ड्रोन के माध्यम से पर्यटन को दी जाएंगी नई ऊंचाइयां
देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को ड्रोन के माध्यम से नई ऊंचाइयां दी जाएं। इन्फ्रास्ट्रक्चर सर्वे, भव्य हवाई फोटोग्राफी पर्यटकों के लिए अद्भुत अनुभव होगा। वनों की निगरानी, वन्यजीव संरक्षण और अवैध कटान या शिकार पर नियंत्रण में भी ड्रोन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
राज्यपाल मंगलवार को दून छावनी गढ़ी कैंट के जसवंत सिंह ग्राउंड में आयोजित सूर्या ड्रोन टेक 2025 कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन की मेजबानी उत्तराखण्ड जैसे जीवंत और प्रगतिशील राज्य में होना हमारे लिए दोहरी खुशी का अवसर है। नवाचार का उपयोग करने वाले अभियंताओं, उद्यमियों और नीति-निर्माताओं को एक साथ देखकर एक उभरते भारत की झलक दिखाई देती है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को ड्रोन तकनीक का वैश्विक अग्रणी बनाने का स्पष्ट लक्ष्य रखा है। हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि आज देशभर में लगभग 270 स्टार्टअप ड्रोन क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं और 2026 तक भारत में ड्रोन उद्योग का आकार पांच हजार करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है। जो 2029 तक बढ़कर 12000 करोड़ रुपए हो सकता है।
उन्होंने कहा कि ड्रोन संचालकों की संख्या को 27 हजार से बढ़ाकर दस लाख करना एक परिवर्तनकारी संकल्प बताया। ड्रोन भारत के विकास में नया इंजन बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि साथ ही कृषि, लॉजिस्टिक्स, आपदा प्रबंधन, रक्षा और कानून व्यवस्था हर क्षेत्र में अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रहे हैं।
हम न केवल तकनीकी विकास को बढ़ावा देंगे, बल्कि अपने युवाओं को भी भविष्य के लिए तैयार करेंगे। इस अवसर पर ले. जनरल अनिंद्य सेन गुप्ता ने कहा कि अमानवीय प्रणालियां आज की रक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग बन चुकी हैं।