शताब्दीनगर स्टेशन की फिनिशिंग कार्य अंतिम चरण में
मेरठ शहर में एक ही ट्रैक पर दौड़ती दिखेंगी नमो भारत और मेरठ मेट्रो

मेरठ वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। शीघ्र ही शताब्दीनगर स्टेशन से शीघ्र ही नमो भारत और मेट्रो में यात्रा करने का अवसर मिलेगा। दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर शताब्दी नगर स्टेशन तक निर्माण और फिनिशिंग से जुड़े कार्य अंतिम चरण में हैं। फिलहाल नमो भारत न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक 55 किलोमीटर के खंड पर संचालित हो रही है। मेरठ साउथ के बाद अगला स्टेशन शताब्दी नगर है। शताब्दी नगर स्टेशन संचालित होने के साथ ही नमो भारत मेरठ शहर के अंदरूनी हिस्से तक जुड़ जाएगी। शहर में दोनों ट्रेनें एक ही ट्रेक पर दौड़ेंगी।
शताब्दीनगर होगा नमो भारत और मेट्रो का स्टॉप

शताब्दीनगर स्टेशन पर नमो भारत और मेरठ मेट्रो, दोनों का स्टॉप होगा। इस स्टेशन में यात्रियों के आने-जाने के लिए दो एंट्री-एग्जिट हैं, जो कि लगभग तैयार हैं। यात्रियों को पार्किंग की सुविधा भी इस स्टेशन पर मिलेगी। मेरठ साउथ से चलने के बाद नमो भारत ट्रेन शताब्दीनगर ही रुकेगी। स्टेशन संचालित होने से हापुड़ की तरफ जाने वाले लोगों के साथ साथ ब्रह्मपुरी, रिठानी, पंचवटी एन्कलेव, सुपरटेक पाम ग्रीन सोसायटी, जलवायु टॉवर समेत दर्जनों कालोनियों की जनता को लाभ मिलेगा। औद्योगिक इकाईयों में कार्य करने वाले कर्मियों को मेट्रो की सुविधा मिलने से सफर सुलभ हो जाएगा। मेट्रो के लिए शताब्दीनगर चौथा स्टेशन होगा। इस खंड पर एनसीआरटीसी द्वारा ट्रेन के ट्रायल किए जा रहे हैं।
परतापुर और रिठानी मेट्रो स्टेशन पर केवल मेट्रो का होगा स्टॉप
मेरठ साउथ के बाद मेरठ मेट्रो का अगला स्टॉप परतापुर मेट्रो स्टेशन है। इस स्टेशन पर फिनिशिंग कार्य जारी है। ये एक मेट्रो स्टेशन है। इस स्टेशन पर नमो भारत का स्टॉप नहीं होगा। परतापुर स्टेशन के पास में ही भारतीय रेलवे का परतापुर रेलवे स्टेशन भी है। परतापुर के बाद रिठानी मेट्रो स्टेशन है। स्टेशन पर दो एंट्री-एग्जिट हैं, जिनमें से एक का काम लगभग पूर्ण हो गया है।

ये हैं मेट्रो की खासियत
- करीब 175 सीटों वाली 3 कोच की मेट्रो ट्रेन, 700 से अधिक यात्री एक बार में कर सकेंगे सफर
- एर्गोनॉमिक डिजाइन, 2×2 स्टाइल की आरामदायक सीटें, सामान रखने के लिए रैक
- खड़े होने वाले यात्रियों के लिए सीटों पर ग्रैब हैंडल के साथ आधुनिक इंटीरियर
- ‘मेक-इन-इंडिया’ का शानदार उदाहरण, भारत में ही 100 प्रतिशत डिजाइन और निर्माण
- ऊर्जा कुशल, स्वचालित ट्रेन नियंत्रण और संचालन, आधुनिक रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम
- इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए चार्जिंग पोर्ट, इंडिकेशन लाइट के साथ पुश बटन वाले दरवाजे
- बड़े इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड और स्पीकर, इनडोर-आउटडोर सीसीटीवी कैमरे
- इमर्जेंसी अलार्म और टॉक बैक सिस्टम जैसे सुरक्षा उपाय, आपातकालीन निकासी के लिए उपकरण
- बेहतर भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी)
- आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्ट्रेचर ले जाने के लिए जगह, व्हीलचेयर के लिए भी स्थान
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