- कांवड़ यात्रा मार्ग पर क्यूआरटी गश्त की संख्या बढ़ी ताकि महिला श्रद्धालुओं को न हो कोई परेशानी
- महिला स्वयंसेवी संगठनों की मदद से स्थापित किये गये शक्ति हेल्प बूथ
लखनऊ। योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा में महिला कांवड़ियों की सुरक्षा में दस हजार से अधिक महिला सिपाही तैनात की हैं। कांवडियों की सुरक्षा सीसीटीवी कैमरे और आसामान से ड्रोन से की जाएगी। सरकार ने पूरे प्रदेश में कांवड़ यात्रा के लिए 66 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। इनमें महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी लगभग 15 प्रतिशत है। सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। 150 से अधिक महिला हेल्प डेस्क स्थापित की जाएंगी। जहां से महिला पुलिस कर्मी महिलाओं को परामर्श देने का काम करेंगी।
उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों से करीब 6 करोड़ श्रद्धालुओं का कांवड़ यात्रा में शामिल होने का अनुमान है। जो उप्र के विभिन्न इलाकों से अपनी यात्रा पूरी करते हैं। इसमें 10-12 प्रतिशत यानी 60 से 70 लाख महिला श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।सरकार ने महिला केंद्रित सुरक्षा मॉडल को लागू करने के निर्देश दिये। इसके अलावा कई जिलों में महिला स्वयंसेवी संगठनों की मदद से शक्ति हेल्प बूथ की भी स्थापना की जा रही है।
24 घंटे हेल्पलाइन नंबरों पर भी उपलब्ध रहेंगी महिला सिपाही
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की सभी क्यूआरटी(क्यूक रिस्पांस टीम) में महिला पुलिसकर्मियों की उपस्थिति को अनिवार्य किया गया है। इसमें भी रात के समय सभी क्यूआरटी में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती अनिवार्य की गयी है। साथ ही कांवड़ यात्रा मार्ग पर क्यूआरटी के गश्त को बढ़ाने के निर्देश दिये गये हैं ताकि महिला श्रद्धालुओं समेत सभी श्रद्धालुओं को आवश्यकता पड़ने पर तुरंत सहायता प्रदान की जा सके।
कांवड़ यात्रा के लिए यूपी को 11 जोन में बांटा
कांवड़ यात्रा के मद्देनजर प्रदेश में 11 जोन में बनाए गए विशेष कंट्रोल रूम और 24×7 हेल्पलाइन नंबरों को भी महिला पुलिस कर्मियों के माध्यम से मॉनीटर किया जा रहा है। कांवड़ यात्रा के प्रमुख मार्गों में से मेरठ जोन में सबसे अधिक व्यवस्था की गई है। यहां 3,200 महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। ऐसे में मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, हापुड़ और गाजियाबाद जिलों में जगह-जगह महिला पुलिसकर्मी महिला श्रद्धालुओं की मदद के लिए तैनात की गयी हैं। पुलिस ने बताया कि इस बार महिला पुलिसकर्मियों की प्रत्यक्ष मौजूदगी से महिलाओं को यात्रा के दौरान और अधिक आत्मविश्वास मिलेगा। वहीं ड्रोन निगरानी, सीसीटीवी और सोशल मीडिया निगरानी जैसे डिजिटल उपायों से भी सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया गया है।