- आतंकी ठिकानों पर भारत ने दागी मिसाइल तो रो पड़ा पाकिस्तान
मेरठ। पहलगाम में पाकिस्तान को आतंकी हमला करना भारी पड़ गया। भारत की मिसाइलों को पाकिस्तान के आतंकी झेल नहीं पाए। बुधवार की सुबह जैसे ही भारत ने पाकिस्तान के पंजाब के कई इलाकों में आतंकी ठिकानों पर मिसाइल दागी तो सब कुछ ढेर होता चला गया। आतंकी अडडे ध्वस्त हो गए और धुंआ उठना शुरू हो गया। आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस पहल को भारतवासियों ने सराहा ही नहीं बल्कि खूब दिवाली मनायी। उधर 90 से अधिक पाकिस्तानी आतंकवादियों के मारे जाने से पाकिस्तान में मातम छा गया।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस आप्रेशन को ऑपरेशन सिंदूर का नाम दिया है। पहलगाम में भारतीय नारियों के उजड़े सिंदूर का बदला लिया गया है। भारत की मिसाइलों ने सीधे पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।यहां पर काफी लंबे समय से आतंकियों की पनाहगाह जाती रही है। इन आतंकी ठिकानों में चक अमरू, सियालकोट, भीमबेर, बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, कोटली, बाघ और मुजफ्फराबाद के इलाके हैं।
बहावलपुर की बात करें तो यहां पर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का मुख्यालय है। जैश ए मोहम्मद भारत में कई बार आतंकी घटना कर चुका है। साल 2001 में भारत की संसद में हुए हमले और 2019 में हुए पुलवामा हमले में भी जैश शामिल था। अब भारत ने जैश के ठिकाने मरकज शुभान अल्लाह पर सीधा निशाना साधा। मरकज में ही जैश के मुखिया मौलाना मसूद अजहर, मुफ्ती अब्दुल रउफ असगर, मौलाना अम्मार परिवार के साथ रहते हैं।

मुरीदकेः लाहौर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित मुरीदके आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा और इसकी शाखा जमात उद दावा का केंद्र माना जाता है। मुरीदके में लश्कर ए तैयबा का ट्रेनिंग सेंटर है और यह करीब 200 एकड़ इलाके में फैला है। भारत में साल 2008 में हुए मुंबई हमले में भी लश्कर का हाथ था। 26/11 के हमलावरों की ट्रेनिंग भी मुरीदके में ही हुई थी।
मुरीदके में मरकज तैयबा लश्कर का बड़ा केंद्र है। यहां लश्कर के नांगल, सहदान, शेखपुरा में भी लश्कर के ठिकाने सामने आए हैं। कहा जाता है कि इस मरकज तैयबा के लिए आंतकी ओसामा बिन लादेन ने एक करोड़ रुपये की मदद की थी। मुंबई हमले में पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब की ट्रेनिंग भी मरकज तैयबा में ही हुई थी। इसके अलावा फिलहाल भारत की गिरफ्त में मौजूद तहव्वुर हुसैन राणा ने भी मुरीदके का दौरा किया था।

कोटली पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आत्मघाती हमलावरों और उग्रवादियों का प्रशिक्षण केंद्र है। गुलपुर जम्मू कश्मीर में आतंकियों का लॉन्चपैड गुलपुर को ही बताया जाता है। खासकर राजौरी और पुंछ इलाकों में होने वाली आतंकी घुसपैठ गुलपुर से ही होती है। भारतीय सुरक्षा बलों के काफिले पर हमलों को अंजाम देने के लिए अक्सर इस ठिकाने का इस्तेमाल किया जाता है।