- एक्सपायर होना बताया जा रहा है दूध, होगी जांच
मेरठ। गगोल पराग दुग्ध संघ का विवादों से पुराना नाता है। सोमवार को पंचवटी डिवाइडर रोड पर रिझानी गांव के पास सड़क किनारे पड़े मिले 300 से अधिक दूध के पैकेट ने एक बार फिर पराग डेयरी और प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। डीएम से शिकायत पर पहुंचे डेयरी के अधिकारियों ने दूध को एक्सपायर बताया है। सवाल है कि आखिर एक्सपायर दूध को इस प्रकार सड़क के किनारे क्यों डाला गया। हालांकि पराग डेयरी प्रशासन इसपर जांच कराने की बात कर रहा है।

परतापुर गगोल में पराग दुग्ध प्लांट है। यहां पर दूध के पैकेट के साथ साथ दुग्ध प्रोडेक्ट खीर, पनीर, घी, छाछ, मावा आदि तैयार होता है। जिसकी सप्लाई मेरठ ही नहीं बल्कि दिल्ली प्रदेश में भी की जाती है। सोमवार को जिस प्रकार से सड़क किनारे 250 ग्राम दूध के 300 से अधिक पैकेट पडे मिले हैं। उससे कहीं न कहीं प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अधिकारी जिस दूध को एक्सपायर बता रहे हैं उसको मौके से उठाकर कुछ बच्चे पीते मिले थे। अगर ऐसी स्थिति में उन बच्चों की जान को खतरा हो गया था इसका जिम्मेदार कौन होगा। क्या एक्सपायर दूध को इस तरह खुले में डाला जाता है। अगर नहीं तो फिर यहां किसने डाले। डीएम से शिकायत पर जागा पराग प्रशासन
स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी से शिकायत की तो पराग डेयरी के अधिकारियों की नींद टूटी। उन्होंने मौके पर पहुंचकर दूध के पैकेट की जांच की। अधिकारियों ने दूध के एक्सपायर होने की बात कही। अधिकारी सभी दूध के पैकेट पराग डेयरी गगोल ले गए।
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