सरकार ने की पुष्टि ₹2000 से ऊपर के UPI लेनदेन पर GST नहीं

सरकार ने की पुष्टि ₹2000 से ऊपर के UPI लेनदेन पर GST नहीं

हाल ही में सोशल मीडिया और विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर यह अफवाह तेजी से फैल रही थी कि सरकार ₹2000 से ऊपर के यूपीआई (UPI) लेनदेन पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगाने की योजना बना रही है। इस खबर ने आम जनता और व्यापारियों के बीच चिंता पैदा कर दी थी। लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है और यह खबर पूरी तरह झूठी, भ्रामक और निराधार है।

यूपीआई लेनदेन पर GST क्यों नहीं लगेगा?

GST उस शुल्क पर लगाया जाता है जो किसी लेनदेन के दौरान वसूला जाता है, जैसे मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR)। लेकिन सरकार ने जनवरी 2020 से यूपीआई के पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शन पर MDR को पूरी तरह हटा दिया है। इसका मतलब है कि यूपीआई लेनदेन पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता, इसलिए GST लगाने का कोई आधार नहीं बचता। वित्त मंत्रालय ने भी इस बात पर जोर दिया है कि जब MDR नहीं है, तो GST लगाने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता

सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके तहत वित्त वर्ष 2021-22 से एक प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों को फायदा पहुंचाना और कम मूल्य वाले यूपीआई ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के अंतर्गत अब तक हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं ताकि डिजिटल लेनदेन को और अधिक सुलभ, आसान और किफायती बनाया जा सके।

भारत: डिजिटल भुगतान का वैश्विक नेता

ACI वर्ल्डवाइड की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में वैश्विक वास्तविक समय डिजिटल ट्रांजैक्शन का लगभग 49% हिस्सा भारत में हुआ। यूपीआई ट्रांजैक्शन की वैल्यू वित्त वर्ष 2019-20 में ₹21.3 लाख करोड़ थी, जो मार्च 2025 तक बढ़कर ₹260.56 लाख करोड़ हो गई है। यह तेजी से बढ़ती डिजिटल भुगतान प्रणाली भारत की तकनीकी प्रगति और आर्थिक विकास को दर्शाती है।

निष्कर्ष

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ₹2000 से ऊपर के यूपीआई लेनदेन पर GST लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह अफवाहें पूरी तरह गलत और भ्रामक हैं। यूपीआई पर MDR खत्म होने के कारण GST लागू नहीं होता। सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है और आम जनता से अनुरोध है कि वे केवल आधिकारिक और विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी लें और अफवाहों से बचें। इस प्रकार, ₹2000 से ऊपर के लेनदेन पर GST नहीं लगेगा और यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान का भविष्य उज्जवल बना रहेगा।

मुख्य बिंदु:

  • सरकार ने ₹2000 से ऊपर के यूपीआई लेनदेन पर GST लगाने की अफवाहों को खारिज किया है।
  • MDR जनवरी 2020 से यूपीआई ट्रांजैक्शन पर समाप्त हो चुका है, इसलिए GST लागू नहीं होता।
  • डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रोत्साहन योजना शुरू की है।
  • भारत डिजिटल भुगतान में वैश्विक अग्रणी बन चुका है।

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