नहीं सुधर रहा भूमि का स्वास्थ्य, मुख्य और सूक्षम पोषक तत्वों की कमी

नहीं सुधर रहा भूमि का स्वास्थ्य, मुख्य और सूक्षम पोषक तत्वों की कमी
  • गोबर और हरी खाद का इस्तेमाल बढ़ाने को तैयार नहीं किसान

मेरठ। भूमि सुधार में काफी समय से नए नए प्रयोग चल रहे हैं। किसानों को भूमि में मुख्य और सूक्षम पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए जहां कृषि योग्य भूमि में हरी और गोबर की खाद का इस्तेमाल बढ़ाने की सलाह दी जा रही है वहीं सह फसली, दलहनी खेती के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। भूमि सुधार के लिए सरकार ने मिटटी के स्वास्थ्य की जांच कराने और कीटनाशकों के उपयोग को कम करने के लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। इसके बावजूद भी मेरठ मंडल में जमीन की सेहत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। मिटटी जांच प्रयोगशाला से मिली रिपोर्ट भी सच्चाई बया कर रही है।
मेरठ मंडल के बागपत को छोड़कर बाकी सभी जिले जिनमें मेरठ, गाजियाबाद, हापुड, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर की जमीन में नाइट्रोजन और जीवांश कार्बन की मात्रा काफी कम है। जबकि पोटाश की मात्रा अधिक है। बागपत की भूमि में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस जीवांश कार्बन काफी कम हैं। केवल पोटाश मीडियम स्तर पर है। इससे मिलाजुला असर गौतमबुद्धनगर की जमीन का भी है। इस लिए की जमीन में पोटाश अच्छी स्थिति में है।मेरठ जिले में कृषि भूमि का स्वास्थ्य अच्छा नहीं है। जिले के खरखौदा, जानी, मेरठ, सरूरपुर, सरधना, दौराला और माछरा ब्लॉक की भूमि में सभी तत्वों की कमी है।

गोबर और हरी खाद से ही होगा भूमि की सेहत में सुधार

  • कृषि वैज्ञानिकों की माने तो भूमि की सेहत में सुधार के लिए नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और जीवांश कार्बन पर्याप्त मात्रा में होने चाहिए। भूमि में मुख्य और सूक्षम पोषक तत्व की पूर्ति के लिए किसानों को खेती के साथ साथ पशुपालन भी करना होगा। भूमि का स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिए किसानों को जहां गोबर और हरी खाद का उपयोग करना होगा, वहीं सह फसली, दलहनी फसलें भी उगानी होंगी।

102 रुपये में होती है मिटटी की जांच

  • सरकारी योजना के मुताबिक अगर कोई किसान अपने खेत की मिट्टी की जांच 12 पेरामीटर पर कराना चाहता है। तो उसको 102 रुपये खर्च करने होंगे। हालांकि मिट्टी में अलग अलग तत्वों की जांच की फीस भी अलग अलग निर्धारित है। मुख्य एनपीके के लिए 29 रु., सलफर के लिए 30 रु. और माइक्रो की जांच के लिए 43 रुपये सरकारी खजाने में जमा करने होंगे।

जिले नमूने फास्फोरस पोटाश जीवांश कार्बन
एल – एम – एच एल – एम – एच एल – एम – एच

मेरठ 12000, 2414-9579-07 14- 4694-7292 9777-2504-19
बागपत 6000, 2145-3852-03 192-5800- 08 5695-296 -09

गा.बाद 4000, 1223-2768-09 42-1993- 1965 2603-1297-100
हापुड़ 4000, 694- 3301- 05 50-1447-2503 3290- 664- 46

गौ.बुद्धनगर 3000,1100-1886-14 31-1280-1689 2501-497-02
बु.शहर 16000, 3102-12894-04 31-8084-7885 14710-1248-42

  • मिटटी के स्वास्थ्य का परीक्षण कराकर ही खेत में रसायनिक उर्वरक का उपयोग संतुतिल मात्रा में ही उचित है। जीवांश को बढ़ाने के लिए गोबर, केचुआ और हरी खाद का इस्तेमाल करने से ही भूमि का स्वास्थ्य ठीक होगा।- निलेश चौरसिया, उप निदेशक कृषि मेरठ मंडल।

ये भी पढ़ें–

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *