
- 30 मार्च को पहला नवरात्र, सुबह 6:17 से 6:58 और 9:20 से दोपहर 12:50 तक करें कलश स्थापना
मेरठ। चैत्र नवरात्र सूर्य, चंद्र, बुध, शनि और राहु के आगमन से और विशेष हो गए हैं। पहला नवरात्र और कलश स्थापना 30 मार्च यानी रविवार को सुबह 6:17 से 6:58 और 9:20 से दोपहर 12:50 तक शुभ मुहूर्त में होगी। नवरात्र में माता का आगमन हाथी पर सवार रूप में होगा। ‘‘सिद्धार्थ’’ नाम का यह नव संवत्सर 2082, पंचग्रही योग में शुभ व सूर्य प्रभावी होगा।
ज्योतिष वैज्ञानिक भारत ज्ञान भूषण ने बताया कि 29 मार्च दिन शनिवार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शाम 4:29 पर प्रारम्भ हो जाएगी, परन्तु सूर्योदनी तिथि मान्य होने से चैत्र नवरात्र का शुभारंभ 30 मार्च दिन रविवार को रेवती नक्षत्र, ऐन्द्र योग, प्र.मान योग, सर्वार्थ सिद्धि योग त्रियोग में व बवकरण में हो रहा है। ये नवरात्र मीन राशि में पंचग्रहों के आगमन का सूचक हैं। एक दिन पूर्व मीन राशि में एक साथ पांच मुख्य ग्रहों – सूर्य, चन्द्र, बुध, शनि और राहू के आगमन से यह नव रात्र और भी विशेष हो गए हैं। छह अप्रैल को रामनवमी होगी।
नव संवत्सर 2082 के ग्रहों का मंत्रिमंडल
– राजा, मंत्री – सूर्य, सस्येश – बुध, धान्येश – चन्द्र, मेघेश – सूर्य, रसेश – शुक्र, नीरसेश – बुध, फलेश – शनि, धनेश – मंगल, दुर्गेश – शनि।