मेरठ की शाही ईदगाह समेत 50 से अधिक स्थानों पर हुई ईद की नमाज

– पुलिस ने सड़क पर नहीं होने दी नमाज, भारी पुलिस बल रहा तैनात
मेरठ। मेरठ में ईद-उल-फितर का त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया गया। हजारों हकीदतमंदों ने ईद की नमाज के दौरान देश में अमन चैन और आपसी भाईचारे की दुआ की। मेरठ की शाही ईदगाह समेत 50 से अधिक मस्जिद और ईदगाओं में ईद की नमाज अदा की गई। शाही ईदगाह पर सुबह छह बजे से ही नमाजियों का पहुंचाना शुरू हो गया। सात बजे तक ईदगाह का मैदान भर गया। 7.48 बजे देवबंद दारूल उलूम वक्फ के मुफ्ती वासिफ ने अकीदतमंदों को ईद की नमाज पढ़ाई। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अपने बच्चों को बुराईयों से दूर रहकर दीन पर चलने का रास्ता दिखाना चाहिए। ईद का त्यौहार हर किसी को अपने गुनाहों की तोबा करने का अवसर देता है।
शहर काजी डॉ. सालिकीनसिददीकी ने कहा कि मुसलमान अपने बच्चों को दुनियाबी तालीम जरूर दिलाएं। ईद हमें एक दूसरे की खुशियों का ख्याल रखना सिखाती है। यह दिन मोहब्बत और आपसी भाईचारे को कायम रखने का है। शहर काजी ने शाही ईदगाह पर ईद की नमाज से पहले पहली बार तकरीर करते हुए लोगों से कहा। उन्होंने सभी को नेकी के रास्ते पर चलने की सीख दी। अल्लाह द्वारा बताए रास्ते दिखाए साथ ही कहा कि देश में रहने वाला हर एक हिंदु और मुसलमान आपस में भाई है। इस रिश्ते को टूटने नहीं देना है। उन्होंने कहा कि रमजान-उल-मुबारक में की गई इबादात रोजे सब्र और कुर्बानियों का यह दिन अल्लाह की तरफ से एक इनाम है।
वक्फ बिल लोकतंत्र की हत्या के समान है: कारी शफीकुर्ररहमान
मेरठ। मौलाना कारी शफीकुर्ररहमान कासमी ने कहा कि देश में ठीक नहीं चल रहा है। अगर जुल्म से बचना है तो मुसलमान अपने बच्चों को पढाएं। चाहे एक टाइम भूखा सोना पड़े। उन्होंने कहा कि वक्फ बिल लोकतंत्र की हत्या के सामान है। कानून के दायरे में रहते हुए अपने हक की लड़ाई खुद लड़नी होगी। वक्फ बिल को लेकर पूरे हिन्दुस्तान की अवाम को समझाना होगा। उन्होंने राजनीतिक दलों पर मुसलमानों को इस्तेमाल करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों घबराओ मत, अल्लाह ताला बड़े से बड़ा गुनाह बर्दाश्त कर लेता है, लेकिन ज़मीन पर जुल्म बर्दाश्त नहीं करता। यह समय जज्बाती होकर गलत कदम उठाने का नहीं है।
रास्तों पर पुलिस की नाकाबंदी, ईदगाह जाने को पुलिस से उलझे लोग

– शाही ईदगाह में अधिकभीड़ होने के कारण पुलिस ने दिल्ली रोड पर कई स्थानों पर बेरिकैटिंग लगाकर नाकेबंदी की। सड़कों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। चौराहों पर लोगों को रोका गया तो नमाजी पुलिस से भिड़ गए। अपना समय आने की नसीहत तक देने लगे। पुलिस ने नमाजियों को समझा बुझाकर फैज-ए-आम और आसपास की अन्य मस्जिदों में भेजा।
परिंदे भी हुए ड्रोन कैमरे में कैद

– प्रशासन ने ईद की नमाज के दौरान ईदगाह पर ही नहीं बल्कि पूरे शहर की निगरानी ड्रोन कैमरे से की। हवा में उड़ते हुए ड्रोन कैमरे से एक एक परिंदे को कैद किया गया। शाही ईदगाह पहुंचने वाले सभी लोग ड्रोन कैमरे में कैद हुए।
फिलिस्तीन का झंडा लेकर पहुंचे और काली पटटी भी बांधी

– शाही ईदगाह पर ईद की नमाज के दौरान कुछ लोग फिलिस्तीन का झंडा लेकर पहुंच गए। पुलिस ने ईदगाह से बाहर सड़क पर ही ऐसे तीन-चार लोगों को पकड़ लिया और झंडा छीन लिया। विरोध में लोगों नेअल्लाह -हू-अकबर के नारे लगाए।मुस्लिमों ने हाथों में काली पट्टी बांधी बांधकर विरोध जताया। शहर में कुछ स्थानों पर बोर्ड लगाकर संदेश दिया गया कि हिंदुओं के त्यौहारों पर सड़क पर कार्यक्रम होते हैं तो ईद पर नमाज क्यों नहीं।