अनूठे अनुभव की मिसाल मानव कौल की किताब “अंतिमा”

अनूठे अनुभव की मिसाल मानव कौल की किताब “अंतिमा”

मानव कौल की किताब अंतिमा एक बेहद गहरा और सुनहरा अनुभव है और ये अनुभव मानव कौल के पहले उपन्यास के रूप में प्रकाशित हुआ है जो जीवन की विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास करता है। ये उपन्यास उनके लेखनी और विचारशीलता के प्रति उनके संवाद और दृष्टिकोण का एक साकार रूप है।

इस किताब में मानव कौल अपने किरदारों के जरिये पाठकों को जीवन के उन पहलुओं से रूबरू करवाते हैं जिनके बारे में अमूमन हम बात करने से कतराते हैं, लेकिन वो अहसास हमारे आज के स्वरुप का एक अभिन्न हिस्सा होते हैं।

1. परिचय:

  • लेखक की नई किताब “अंतिमा” का परिचय

2. कहानी का सारांश:

  • तीनों किरदार और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं का संगम
  • तीन कालखंड: वर्तमान, अतीत, और भविष्य

3. कश्मीर से जुड़े मोमेंट्स:

  • लेखक के बचपन के मोमेंट्स
  • पिता के जीवन की यादें और उनसे प्राभावित होना

4. बाप-बेटे के संबंध:

  • रिश्तों की जिरह और खटास
  • माँ की अभाव की अहसास

5. तीनों अंतिमा:

  • मुख्य पात्रों की प्रेमकहानी
  • तीनों के अंतिम मोमेंट्स और उनका संबंध

6. विचारशीलता और साहित्यिक दृष्टिकोण:

  • लेखक की विचारशीलता और भाषा का महत्व
  • सामाजिक और व्यक्तिगत मुद्दों पर दृष्टिकोण

7. साहित्यिक महत्व:

  • “अंतिमा” की साहित्यिक महत्वपूर्णता
  • रीडर्स को नए दृष्टिकोण प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना

“अंतिमा” का परिचय

अंतिमा
अंतिमा

कहानी एक नाम के इर्द गिर्द घूमने वाले एक किशोर, एक युवक, और एक अधेड़ के जीवन की कहानी है, और मजेदार बात ये है कि ये तीनों ही किरदार एक ही इंसान के हैं, बस कालखंड अलग-अलग हैं। कहानी में तीन कालखंड हैं वर्तमान, अतीत और लेखक के दिमाग में चलने वाला भविष्य जो हर आते पल के साथ वर्तमान में बदलने जा रहा है।

कहानी में लेखक ने कश्मीर का जिक्र किया है, वहां बीते अपने बचपन का हल्का सा जिक्र किया है लेकिन अपने बचपन की यादों में कटौती कर लेखक ने कश्मीर से जुड़ी अपने पिता के जीवन की यादों को बहुत बेहतरीन ढंग से उकेरा है।

लेखक ने कहानी में अपने और अपने पिता के बीच के सम्बन्ध के बारे में भी बताया है जो हर किसी बाप-बेटे की तरह खटास भरा है, जिसमें हमेशा एक जिरह होती है, जिसमें हमेशा एक असंतोष का भाव होता है, कई बातें न बताने का अहसास होता है, और किस तरह हर बाप-बेटे के रिश्ते की इस जिरह को माँ कैसे ठीक करने की जद्दोजेहद करती है वो भी नजर आता है लेकिन जब माँ नहीं रहती तब? वो अहसास कैसा होता है तो ये कहानी आपको उस अहसास से भी परिचित करा देगी।

कहानी को एक प्रेमकहानी के नजरिये से देखा जा सकता है, लेकिन एक ऐसी प्रेमकहानी जिसमें सुकून का अनुभव बस कुछ पल है और एक अधूरी ख्वाइश से भरे जीवन का अनुभव हर पल है। और ये कहानी उस कहावत को साकार करती है कि “बस किरदार बदल जाते हैं-कहानी वही रहती है” . कहानी में तीन अंतिमा हैं, एक मुख्य पात्र की दोस्त है जो एक समय पर मुख्य पात्र की प्रियतमा थी, एक अंतिमा मुख्य पात्र के आज के वर्तमान का हिस्सा है जो उसकी कहानियों से प्रभावित है। और एक अंतिमा मुख्यपात्र की एक टीचर हैं जो उसके गुज़रे हुए अतीत का हिस्सा है, उसके लेखक जीवन की प्रेरणा है।

दरअसल कहानी में एक ही बार में अतीत और वर्तमान मिल रहे हैं और साथ ही भविष्य की आहट भी है।अंतिमा का ये विशेष गुण है कि यह साहित्यिक रूप में न केवल लेखक के व्यक्तिगत जीवन की छवि प्रस्तुत करता है, बल्कि यह आपको आपके अपने जीवन के अनुभवों और उसके रूखों के प्रति सोचने के लिए प्रोत्साहित करता है। किताब में सामाजिक और व्यक्तिगत मुद्दों पर उनके विचार और दृष्टिकोणों का सुंदर समीकरण है, जिससे पाठक अपने जीवन में नए दृष्टिकोण प्राप्त कर सकते हैं।

अंतिमा लेखक की विचारशीलता और भाषा के जादू को महसूस करने के लिए एक महान विचारशील किताब है, और यह किताब उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण जगह स्थापित की है। इसकी खूबी यह है कि यह जीवन की गंभीरता को आपको हंसी के माध्यम से सोचने के लिए प्रोत्साहित करती है, और आप इसे एक अद्वितीय साहित्यिक अनुभव के रूप में मान सकते हैं।

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