- मेरठ के जगीदश मंडप में लगाई प्रदर्शनी में पुरानी मुद्राओं को देखने उमड़ीभीड़
- कुछ ने पुरानी मुद्रा बेची तो कुछ ने खरीदने में दिखाई रूचि
मेरठ। दिल्ली रोड पर जगदीश मंडप में लगाई गई दो दिवसीय मुद्रा प्रदर्शनी में मुगलकाल, चंद्रगुप्त मौर्य से लेकर अब तक सभी मुद्राओं में लोगों ने भारत के इतिहास के दर्शन किए। प्रदर्शनी में मेरठ से ही लोग नहीं पहुंचे बल्कि पुरानी मुद्रा के प्रेमी इतिहासकार, संंस्कृति और पुरातन कला के प्रेमियों की भी भीड़ रही। एक ही मंच पर प्राचीन कालीन मुद्राओं को देखकर सभी अचंभित हो गए। कुछ लोगों ने जहां अपने पास रखी कुछ पुरानी मुद्राएं बची तो कुछ ने अपने बच्चों को पुरानी एतिहासिक मुद्रा की खरीद भी की। रविवार को प्रदर्शनी का समापन हो गया।

प्रदर्शनी में पहुंचकर लोगों को पता चला कि संग्रहित की गई 2500 साल पुरानी मुद्राएं नदियों और पुराने किलों की खुदाई के दौरान प्राप्त हुए हैं। इतने पुराने इतिहास को पाकर सभी लोग गदगद हो गए।

प्रदर्शनी में पुराने सिक्कों और नोटों ने लोगों को सोचने को मजबूर कर किया। जिनमें मुगल काल, सुल्तान काल और प्राचीन सभ्यताओं की मुद्राएं शामिल रहीं। इनमें चोल वंश, विजयनगर साम्राज्य और अन्य प्राचीन सभ्यताओं की मुद्राएं भी प्रदर्शित की गईं।
प्रदर्शनी में पुरानी मुद्राएं ही नहीं घड़ी आदि सामान भी

प्रदर्शनी में सिक्के, नोट और घड़ी सामान भी देखने को मिला। इनकी कीमत पर 5000 रुपये से लेकर 30 लाख रुपये तक बतायी गई। यहां सोने, चांदी, तांबा, पीतल के सिक्के भी थे। मेरठ में लगाई गई प्रदर्शनी में लोगों ने अपना खूब ज्ञान बढ़ाया।
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