अब परिषदीय विद्यायलयों में तैयार होंगे मिनी इंजीनियर

अब परिषदीय विद्यायलयों में तैयार होंगे मिनी इंजीनियर
  • बच्चों की रूचि के अनुसार उनकी पसंद के काम का मिलेगा प्रशिक्षण
  • सरकार स्कूलों में खोल रही है आईटीआई जैसे प्रशिक्षण के लिए लर्निंग बाय डूइंग लैब
  • एक स्कूल पर खर्च किए जा रहे हैं 43 हजार रुपये, बच्चे को आत्मनिर्भर बनाने को सरकार का कदम

मेरठ, खरखौदा। अब बेसिक ​शिक्षा विभाग के माध्यमिक स्कूलों के बच्चे मिनी इंजीनियर बनेंगे। इसके लिए विद्यालयों में टाटा टैक्नोलॉजी की मदद से लर्निंग बाय डूइंग लैब विकसित की जाएंगी। जहां पर कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को आत्म निर्भर बनाने के लिए इंजीनियरिंग एण्ड वर्कशॉप और एनर्जी एण्ड एन्वायरनमेंट जैसी ब्रांच का प्र​शिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए सरकार हर विद्यालय को 43 हजार रुपये का बजट जारी कर रही है​। शासनादेश के अनुसार चालू ​शिक्षण सत्र में ही बच्चे सरकारी स्कूलों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते मिलेंगे।

रोबोट संचालन और कृत्रिम मेधा का भी मिलेगा प्र​शिक्षण

इंजीनियरिंग एंड वर्कशॉप, एनर्जी एंड एन्वायरनमेंट, एग्रीकल्चर, नर्सरी एवं गार्डनिंग, होम एंड हेल्थ आदि ट्रेडस में स्कूलों के बच्चों को ई-वाहनों के रखरखाव, रोबोट संचालन, कृत्रिम मेधा जैसे कोर्स भी कराए जाएंगे। आधुनिक उपकरणों से बच्चों को नया सीखने को मिलेगा। स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा। बड़ी कंपनियों में युवाओं को अपने केरियर की शुरुआत करने का मौका मिलेगा ।

इंटरनेट से युक्त होंगे सभी स्कूल

समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत विद्यालयों में बनाई जा रही स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी संचालन के लिए विद्यालयों में हाईस्पीड इंटरनेट की सुविधा होगी। ताकि बच्चों को नई टेक्नोलॉजी के सा​थजोड़ा जा सके।

खोई विरासत को वापस लाने की है तैयारी

एक समय था जब बेसिक ​शिक्षा विभाग के स्कूलों में दा​खिले के लिए सिफारिश करानी होती थी। कुछ समय से यह तमगा हट गया है।अब काफी सरकारी स्कूलों में ​शिक्षक के मानक के अनुरूप छात्र संख्या नहीं रही हैं। जिसके कारण बेसिक ​शिक्षा विभाग नए तरीके से बच्चों के लिए ​शिक्षा प्रणाली लेकर आ रहा है। विदेशी तर्ज पर अब सरकार बेसिक के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को कम उम्र में ही आत्मनिर्भरता के रास्ते पर लाने की योजना चालू कर चुकी है। आने वाले समय में बड़े स्तर पर गरीब परिवारों के बच्चे भी नई तकनीकि का ज्ञान सीख पाएंगे।

खंड शिक्षा अधिकारी सतेंद्र सिंह ने बताया कि समग्र शिक्षा योजना के तहत परिषदीय विद्यालयों को स्मार्ट बनाने के साथ साथ विद्यार्थियों को निपुण और प्रशिक्षित करने की एक पहल है। जिसके लिए सरकार ने प्रत्येक विद्यालय के लिए 43 हजार रुपये का बजट जारी कर दिया है। जिससे विद्यालयों में स्मार्ट क्लास व डिजिटल लाइब्रेरी की व्यवस्था होगी। रोजगार परक शिक्षा को टाटा टेक्नोलाॅजी की मदद से बेहतर प्रशिक्षण के लिए लर्निंग बाय डूइंग लैब विकसित की जाएंगी। जिसमें बच्चे अपनी इच्छा अनुसार इंजीनियरिंग एंड वर्कशॉप, एनर्जी एंड एन्वायरनमेंट, एग्रीकल्चर, नर्सरी एवं गार्डनिंग, होम एंड हेल्थ सहित चार ट्रेडस का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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