गैस कनेक्शन लेते ही परिवार का हो जाता है छह लाख का बीमा 

गैस कनेक्शन लेते ही परिवार का हो जाता है छह लाख का बीमा 

  • गैस सिलिंडर से घर के किसी भी सदस्य के साथ दुर्घटना होने पर मिलता है बीमे का लाभ 
  • पांच साल में एक बार 230 रुपये देकर करानी होती है गैस वितरक के कर्मचारी से जांच

क्या आपको पता है कि किसी भी गैस कंपनी का गैस कनेक्शन लेते ही आपके परिवार का छह  लाख का बीमा हो जाता है। अगर रसोई में गैस सिलिंडर फटने या आग लगने से परिवार का एक भी सदस्य हताहत होता है तो उसको  बीमा राशि मिलना तय है।

जानकारी के अभाव में जनता को इसका लाभ नहीं मिल पाता है।पैट्रोलियम कंपनियों ने गैस उपभोक्ताओं को सुरक्षा की दृष्टि से बीमा लाभ योजना संचालित की हुई है। जो इंश्योरेंश कंपनी के माध्यम से उपभोक्ता का बीमा कराया जाता है। 

कंपनी और गैस वितरक को करना चाहिए जागरूक 

गैस कनेक्शन लेते ही परिवार का हो जाता है छह लाख का बीमा 

गैस कंपनी और गैस वितरक की जिम्मेदारी है कि वह अपने गैस उपभोक्ता को बीमा योजना ही नहीं बल्कि सिलिंडर के इस्तेमाल के प्रति जागरूक करे। नियमानुसार समय समय पर जागरूकता के लिए शिविर अथवा कार्यशाला भी आयोजित की जानी चाहिए।

पेट्रोलिमय मंत्रालय के आदेशानुसार कंपनी को प्रचार प्रसार सामग्री यानी जागरूकता का कार्य करना अनिवार्य है। उपभोक्ता के हित में मिलने वाली धनराशि को कंपनी के अधिकारी और गैस वितरक मि‌लकर बंदरबांट कर लेते हैं। 

जानकारी के अभाव में गैस उपभोक्ता नहीं ले पा रहे लाभ 

गैस ‌सिलिंडर में आग से गृहणियों का झुलसना, सिलिंडर फटने से मकान का क्षतिग्रस्त होने की आम घटनाएं होती हैं। बीमा निर्धारित होने के बाद भी उपभोक्ता इसका लाभ नहीं ले पाते हैं।

जबकि नियमानुसार अगर ऐसी कोई घटना होती है उसकी प्रथम सूचना क्षेत्रीय थाने में और गैस वितरक को दी जानी चाहिए। ताकि उसके माध्यम से गैस सिलिंडर से होने वाली दुर्घटना की सूचना इंश्योरेंस कंपनी को दी जा सके। 15 दिन की जांच पड़ताल के बाद उपभोक्ता को इंश्योरेंस की धनाराशि उसके खाते में पहुंच जाती है। 

सभी गैस वितरक समय समय पर कंपनी से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी उपभोक्ताओं को देते रहते हैं। जब हॉकर गैस लगाने जाता है तो उपभोक्ता की रसोई में इस्तेमाल हो रहे चूल्हे और रेगूलेटर, पाइप की भी जांच करता है। पहले दो साल में सत्यापन होता था अब पांच साल में गैस उपभोक्ता की रसोई, पाइप, चूल्हे और रेगूलेटर का सत्यापन किया जाता है। उसकी फीस भी 230 रुपये निर्धारित की गई है। – अजीत टंडन, उपाध्यक्ष, गैस वितरक एसो. उप्र। 

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