- भूमि पैमाइश के नाम पर किसान से ली थी रिश्वत, एंटी करप्शन की टीम ने धर दबौचा
- रिश्वतखोर को टीपीनगर की हवालात में गुजारनी पड़ी रात, आज जाएगा जेल
मेरठ। सरकार भले ही भयमुक्त और रिश्वत मुक्त प्रदेश बनाने की बात कर रही हो, लेकिन सरकारी अधिकारी व कर्मचारी कतई नहीं मान रहे हैं। आए दिन रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जा रहे सरकारी कर्मचारी यूपी में सच्चाई की पोल खोल रहे हैं। बुधवार को भी मेरठ सदर तहसील के एक कानूनगो लोकेन्द्र कुमार राठी को एंटी करप्शन की टीम ने 20 हजार रुपये लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। जिसको पूरी रात थाना टीपीनगर में रखा गया है।

पीडितगॉडविन कॉलोनी निवासी राकेश कुमार के अनुसार उनकी सुभारती विवि के पास जमीन है। खेत की डोल बंदी को लेकर पड़ोसी किसान से विवाद चल रहा है। विवाद खत्म करने के लिए वह तहसील के कर्मचारियों से गुहार लगाते चले आ रहे हैं। पैमाइश के नाम पर लगातार रिश्वत मांगी जा रही थी। पैसे का इंतजाम न होने के कारण पैमाइश नहीं की गई। अब कानूनगो लोकेंद्र कुमार राठी ने पैमाइश करने से पहले 20 रुपये रिश्वत मांगी।
तहसील के अधिकारी व कर्मचारियों की कार्य प्रणाली से बेहद आहत था। अब मांगी गई रिश्वत देकर तहसील के कानूनगो को सबक सिखाने की ठान ली। रिश्वत मांगे जाने की सूचना एंटी करप्शन के अधिकारियों को दी और कानूनगो को रिश्वत के रुपये लेने के लिए बाईपास पर बुलाया लिया। जैसे ही उसे रिश्वत के 20 हजार रुपये दिए तो एंटी करप्शन की टीम ने धर दबौचा। एंटी करप्शन की टीम ने थाना टीपीनगर की हवालत में बंद कर दिया और भ्रष्टाचार की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करायी।
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