- नगर निगम की सफाई व्यवस्था की खुल गई पोल, दो -दो फिट पानी से गुजरे अधिकारी
मेरठ। डीएम साहब बचाओ, डूब गया मेरठ शहर। हर तरफ यही गुहार। हलकी बारिश में ही शहर की सड़कें तालाब बन गई। नाले उफन गए। गंदगी सड़कों पर बह निकली। अधिकारियों के फोन की घंटी घनघनाई तो जिलाधिकारी समेत सभी अधिकारीसड़कों पर भरे दो दो फिट पानी में पहुंचे। निगम की नाला सफाई की पोल खुल गई। जिलाधिकारी ने नाराजगी जतायी तो निगम के अधिकारी सीवर जेटिंग मशीन, पंप आदि मशीने लेकर जलभराव वाले इलाकों में पहुंच गए।

बरसात से पहले नगर निगम नालों की सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च करता है। दावा किया जाता है कि इस बार बरसात में शहर की जनता को जलभराव से नहीं जूझना पड़ेगा। निगम के दावों की हवा हलकी बारिश में ही निकल जाती है। वैसा ही बुधवार को हुआ। सुबह से ही बारिश पड़नी शुरू हुई तो बरसात का पानी नालों में जाने की बजाय नालों का पानी सड़कों पर आ गया। शहर के घंटाघर, ब्रहमपुरी, बागपत रोड, कांच पुल, खेरनगर, जलकोठी, छावनी क्षेत्र सीएबी इंटर कॉलेज, सदर, लालकुर्ती, हापुड़ अडड़ा, नेहरूनगर, फूलबाग कालोनी, कंकरखेड़ा, गंगानगर, मोहकमपुर समेत सभी इलाके जलमग्न हो गए।

शहर में शिवालायों में गंगजल चढ़ाने पहुंचे शिवभक्तकांवड़ियां परेशान हो गए। शहर के कई इलाकों में बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया। जिलाधिकारी वी के सिंह बुढ़ाना गेट, ईवीज चौराहा ,इंदिरा चौक, बच्चा पार्क आदि इलाकों में हुए जलभराव को खत्म कराने पहुंचे।
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