Reason behind NASA’s failure: यह बात बहुत कही सुनी है तो हो सकता है कि शत प्रतिशत सच ना हो फिर भी मैं आपको बताता हूँ।बहुत समय पहले जब सड़कें बहुत कच्ची हुआ करती थी। जब रोमन लोग उन सड़कों पर अपना रथ लेकर निकलते थे तो उनके पहियों के निशान सड़कों पर छप जाते थे और उनसे नालिया जैसी बन जाती थी।
अब जब बग्गीयों का प्रचलन हुआ तो बग्गी बनाने वालों ने बग्गी की चौड़ाई इस प्रकार रखी कि जो बग्गी के पहिए हैं वह रथ की बनी हुई नालियों पर ही चलें ताकि बग्गी इधर-उधर फंस कर गिर ना सके।
बग्गी के दोनों पहियों के बीच की जो चौड़ाई थी वह 4 फीट साढ़े 8 इंच रखी गई। अब जब रेल का अविष्कार हुआ और रेल की खोज का निर्माण करना था तो रेल के निर्माण का ठेका इन्हीं बग्गी वालों को दिया गया। उन्होंने रेल के डिब्बे के पहियों का फासला 4 फीट और साढ़े 8 इंच ही रखा और इसी अनुसार बाद में रेल की पटरी बनाई गई।
अब जब अमेरिका को रेल की आवश्यकता थी तो जो इंजीनियर थे वह यूरोप से बुलाए गए थे, उन्होंने भी जो रेल की पटरी की चौड़ाई थी वह वही रखी 4 फीट साढ़े 8 इंच और बाद में इसी प्रकार रेल का निर्माण हुआ।
इस कहानी को थोड़ी देर यही रोकते हैं और एक दूसरी कहानी शुरू करते हैं, NASA के स्पेस शटल जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक जाते हैं उनके सीधे और उल्टे हाथ पर एक-एक फ्यूल सिलेंडर लगे होते हैं। अब यह फ्यूल सिलेंडर UTAH मैं बनाए जाते हैं और स्पेस शटल का लॉन्च फ्लोरिडा से होता है।
यह फ्यूल सिलेंडर इतने भारी होते हैं जो ना तो हवाई जहाज से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है और ना ही किसी ट्रक से। इनको ले जाने के दो ही रास्ते हैं या तो समुद्र या फिर रेल। UTAH के आसपास कोई समुद्र तो है नहीं तो इन फ्यूल सिलेंडर को ले जाने का एकमात्र रास्ता बचता है रेल।
UTAH और फ्लोरिडा के बीच में एक सुरंग पड़ती है जिसकी चौड़ाई रेल के डिब्बों की चौड़ाई के हिसाब से बनाई गई थी। फ्यूल सिलेंडर की चौड़ाई यह निर्धारित करती है कि उसमें कितना फ्यूल आएगा इसी वजह से स्पेस शटल कभी भी चांद तक नहीं पहुंच पाता था। NASA के एक साइंटिस्ट को यह बात बहुत चुभी के स्पेस शटल चांद तक इसलिए नहीं पहुंच सकता क्योंकि सुरंग ज्यादा चौड़ी नहीं है।
आखिर सुरंग ज्यादा चौड़ी क्यों नहीं थी?
Reason behind NASA’s failure: उसने देखा कि सुरंग की चौड़ाई रेल के डिब्बों के अनुसार रखी गई थी, रेल के डिब्बे बने थे रेल की पटरी की चौड़ाई के अनुसार, रेल की पटरी की चौड़ाई निर्धारित की गई थी बग्गी की चौड़ाई के अनुसार और बग्गी के पहियों के बीच का फासला निर्धारित किया गया था रथ के पहियों से बनी नालियों के अनुसार।
तो सवाल यह उठता है कि रथ की चौड़ाई किस पर आधारित थी। रथ को चलाने के लिए दो घोड़ों की जरूरत पड़ती है और अगर आप किन्हीं दो घोड़ों को एक साथ खड़ा करते हैं तो उनके पीछे की जो चौड़ाई है वह लगभग 4 फीट साढ़े 8 इंच ही निकलती है।इसी तरह हम अपने जीवन में कुछ फैसले उन फैसलों पर आधारित लेते हैं जो पहले से लिए जा चुके हैं मसलन हम कौन से गांव में या शहर में रहते हैं यह इस पर निर्भर करता है कि हमारा परिवार कहां रहता आ रहा है।
हम कौन सा करियर चुनते हैं यह भी ज्यादातर इस बात पर निर्भर करता है कि आपके घर में कितने डॉक्टर, इंजीनियर , वकील सीए इत्यादि हैं, हो सकता है कि यह फैसले आपके लिए काम कर भी जाए लेकिन अगर आपको लगता है कि इन फैसलों की वजह से आपका जीवन भी NASA के स्पेस शटल की तरह एक जगह अटक गया है तो हो सकता है आपको भी कुछ ऐसे फैसले लेने की जरूरत है जो आज तक आपके परिवार में किसी ने नहीं लिए हों।
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