मेरठ। निजीकरण और उत्पीड़न के विरोध में 239 वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। गुरुवार को कर्मचारियों ने ऊर्जा भवन घेर लिया। फेशियल अटेंडेंस के नाम पर रोके जा रहे वेतन को बहाल करने की मांग की। रखा ।ऊर्जा मंत्री के बयान पर संघर्ष समिति ने नेतृत्व में बिजली विभाग के सभी कर्मचारी नारेबाजी करते हुए पीवीवीएनएल के प्रबंध निदेशक के कार्यालय पर पहुंचे गए। कर्मचारियों ने निजीकरण और उत्पीड़न के विरोध में जमकर नारेबाजी की। ऊर्जा मंत्री के बयान की भी निंदा की।
विरोध सभा में कृष्णा सारस्वत, निखिल कुमार, आलोक त्रिपाठी, प्रगति राजपूत, धीरेन्द्र कुमार, अश्वनी कुमार, अरविंद बिंद, गुरुदेव, प्रेम पाल, कवितेंद्र, अभिमन्यु, कपिल गौतम, अश्वनी, प्रणव, मांगेराम ने कहा कि मुरादाबाद क्षेत्र में मुख्य अभियंता से अवर अभियंता तक का निलंबन, फेशियल अटेंडेंस के नाम पर वेतन रोके जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कर्मचारियों की रियायती बिजली की सुविधा समाप्त की जा रही है। घरों पर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मात्र 10 मिनट के लिए बिजली जाने पर बिना किसी जांच के जूनियर इंजीनियर से मुख्य अभियंता तक को निलंबित का फरमान ठीक नहीं है। निलंबन के आदेश को तत्काल निरस्त किए जाए। फेशियल अटेंडेंस के नाम पर हजारों बिजली कर्मियों का मनमाने ढंग से वेतन रोक दिया गया है। उनका वेतन तत्काल जारी किया जाए। बिजली कर्मियों के निवास पर स्मार्ट मीटर लगाया जाना तत्काल बंद किया जाय।
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