लोक मोर्चा न बिगाड़ दे विपक्षी दलों की चाल, भाजपा के कोर वोट पर साधा है निशाना

लोक मोर्चा न बिगाड़ दे विपक्षी दलों की चाल, भाजपा के कोर वोट पर सीधा है निशाना
  • स्वामी प्रसाद और राजकुमार सैनी ने लोक मोर्चा में शामिल कर लिए एक दर्जन घटक दल
  • कार्यकर्ता सम्मेलन के बहाने प​श्चिम में दस्तक दे रहा है लोक मोर्चा

मेरठ। उप्र की राजनीति नई अंगड़ाई लेती दिख रही है। यूपी में 2027 के चुनाव से पहले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने काशीराम के अधूरे मिशन को पूरा करने के लिए अपनी जनता पार्टी का गठन किया। अब दलित, पिछडे और अल्पसंख्यकों के हकों की बात करके 2027 में विधान सभा चुनाव की ताल ठोके हुए हैं। इन्हीं की विचार धारा के साथ चलने वाले हरियाणा के पूर्व सांसद एवं लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार सैनी भी इनके साथ खड़े हो गए हैं।

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स्वामी प्रसाद और राजकुमार सैनी दोनों ही एक ही बिरादरी से तालुक रखते हैं। कुछ समय से सैनी, मौर्य, कुशवाहा, शाक्य भाजपा का कौर वोटर कहा जाता है। अगर इस वोट बैंक में ये दोनों नेता सेंध लगा पाए तो सबसे अ​धिक नुकसान भाजपा को ही होगा। हालांकि भाजपा में उप्र सरकार के डिप्टी सीएम कैशव प्रसाद मौर्य, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह बड़े नेता हैं। जो अपनी बिरादरी में ही नहीं ब​ल्कि समस्त ओबीसी के बड़े नेता माने जाते हैं। अब देखना होगा कि लोक मोर्चा में शामिल नेता और भाजपा के कददावर नेताओं में से कौन अपना किला बचा पाएगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लोक मोर्चा में एक दर्जन से अ​धिक छोटे राजनीतिक दलों के नेता भाजपा, सपा, बसपा आदि विपक्षी दलों पर निशाना साध रहे हैं। आगामी यूपी के विधान सभा चुनावों में कूदने के लिए सभी दलों ने मिलकर लोक मोर्चा बनाया है।

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लोकमोर्चा के नेतृत्व में सभी घटक दलों कार्यक्रमों की श्रृंखला भी चल रही है। लोक मोर्चा में शामिल दलों ने पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को सीएम चेहरा भी घो​षित कर दिया है। स्वामी प्रसाद बसपा में उप्र में डिप्टी सीएम की हैसियत में रहे हैं। भाजपा में कै​बिनेट मंत्री और सपा में एमएलसी रहे। शायद यही कारण है कि घटक दलों ने स्वामी को अपना नेता चुन लिया है। उधर पूर्व सांसद राजकुमार सैनी ने हरियाणा में ओबीसी, दलित, अल्पसंख्यकों की राजनीति की। कहा जाता है कि राजकुमार की बढ़ती लोकप्रियता के कारण ही भाजपा ने नायब सिंह सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया। वजह जो भी रही हो, लेकिन यह स्पष्ट है कि अब राजकुमार सैनी ने 2027 के विधान सभा चुनाव के लिए यूपी का रुख कर लिया है।

लोक मोर्चा के सूत्र बताते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने राजकुमार सैनी को प​श्चिम उप्र के मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल की जिम्मेदारी दी है। कारण है कि इन तीनों मंडलों में शायद ही कोई विधान सभा ऐसी हो जहां पर सैनी जाति का वोट बैंक न हो। उधर राजकुमार की राजनीतिक विचार धारा में अकेले सैनी बिरादरी नहीं ब​ल्कि पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और दबे कुचले हैं। राजकुमार सैनी ने प​श्चिमी यूपी के तीनों मंडलों की विधान सभाओं को साधने के लिए कार्यकर्ता सम्मेलन शुरू कर दिए हैं। 26 जुलाई को मुरादाबाद के काठ, 28 को मेरठ और 29 को सहारनपुर में लोक मोर्चा के सभी घटक दलों के कार्यकर्ता सम्मेलन किए जा रहे हैं।

इन सम्मेलनों में सभी घटक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी पहुंच रहे हैं जो अपनी अपनी बिरादरियों में बड़े नेता कहे जाते हैं। बताया गया है कि कार्यकर्ता सम्मेलनों में समानता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोतीलाल शास्त्री कुशवाहा, जनसेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनेश ठाकुर, स्वतंत्र जनता राज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम कोरी, भारतीय वीर दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. विजय कसाना, सम्यक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तपेन्द्र कुशवाहा आदि बतौर मुख्य अति​थि शामिल होंगे।

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