- यूपी में 77 उत्पादों को हासिल है जीआई टैग, 25 की प्रक्रिया जारी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों को बदलते बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार स्वयं को निरंतर अपडेट करते रहना होगा। यूपी देश का सबसे बड़ा एमएसएमई बेस है। इस क्षेत्र से जुड़े युवाओं की क्षमता संवर्धन के लिए ठोस रणनीति अपनाई जाए। ‘सीएम-युवा’ योजना के अंतर्गत नए उद्यमियों को ऋण देने से पूर्व उन्हें विधिवत प्रशिक्षण दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की एमएसएमई इकाइयां स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को गति देने के साथ-साथ बड़े उद्योगों के लिए एंकर यूनिट के रूप में कार्य कर रही हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयां सक्रिय हैं, जो राज्य के कुल निर्यात में करीब 46 प्रतिशत का योगदान दे रही हैं, और 1.65 करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार दे रही हैं।
मुख्यमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘लोकल टू ग्लोबल’ और ‘ब्रांडयूपी’ के मंत्र को साकार करने के लिए एमएसएमई सेक्टर को रणनीतिक रूप से अधिक सशक्त बनाए जाने पर बल दिया। उन्होंने राज्य की योजनाएं युवाओं, महिलाओं, उद्यमियों और ग्रामीण समाज के आर्थिक सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर बनाने के निर्देश दिए।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ के अंतर्गत 3.21 लाख से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया है, जबकि 56 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एक लाख वार्षिक लक्ष्य के अनुरूप योजना के लाभार्थियों को समयबद्ध रूप से ऋण वितरण हो। मुख्यमंत्री को कहा कि उत्तर प्रदेश के 77 उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त है, जिससे राज्य देश में अग्रणी है। 25 अन्य उत्पादों के लिए जीआई टैगिंग प्रक्रिया प्रगति पर है। इस वित्तीय वर्ष में 75 नए उत्पादों को जीआई टैग दिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
ये भी जरूर पढ़ें–