- सुबह से देर रात्रि तक मंदिरों में लगी रही शिव भक्तों की लाइनें
मेरठ। सावन के पहले सोमवार को सभी शिवालयों में लाखों लोगों ने बेलपात्र, धूतरा, चंदन से पूजा की और भगवान आशुतोष को दूध व जल से नहलाया। दिन भी सभी शिवालय बम बम भोले के जयकारों से गूंजते रहे। मंदिरों पर सुबह से रात्रि तक भक्तों की लाइनें लगी रही। सभी भक्त भगवान के दर्शन करके अपने आपको धन्य मान रहे थे।

श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को भगवान भोलेनाथ की भक्ति के लिए विशेष माना जाता है। इसलिए सभी पुण्य कमाने के लिए हर सोमवार को शिवालय पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं। सभी मंदिर समितियां भक्तों की सुविधा लिए व्यवस्था करते हैं। मंदिरों के बाहर प्रसाद और बेलपात्र आदि की दुकानें सजायी गई हैं।
पश्चिम उप्र में तीन बड़ेशिवालय हैं। जिनमें एक मेरठ काली पलटन पर बाबा औघड़नाथ मंदिर हैं तो दूसरे बागपत जनपद में पुरा महादेव और बुलंदशहर आहार में शिव मंदिर है। यहां पर लाखों शिव भक्त कांवड़ियां हरिद्वार से गंगाजल लाकर जलाभिषेक करते हैं। बताते हैं कि पुरामहादेव में सबसे पहली कांवड़ भगवान परशुराम ने चढ़ाई थी। पुरामहादेव और बाबा औघड़नाथ मंदिर में पूर्जा के लिए मेरठ बागपत के शिवभक्त ही नहीं, बल्कि कई प्रदेशों से लोग पहुंचते हैं।

औघड़नाथ पर 50 हजार शिवभक्तों ने किया जलाभिषेक
बाबा औघड़नाथ मंदिर पर श्रावण मास के पहले सोमवार को दृश्य देखने लायक रहा। सुबह चार बजे मंदिर के कपाट खुलने से पहले ही शिवभक्तजलाभिषेक करने के लिए लाइनों में खड़े हो गए। बम बम भोले, बाबा तेरी जय जयकार, लगा दो मेरा बेड़ा पार जैसे जयकारे लगाकर सभी लोग भक्ति में डूबे हुए थे। अनुमान है कि सुबह से शाम तक मंदिर में लगभग 50हजारशिवभक्तों ने जलाभिषेक किया।
जलाभिषेक के लिए लोटे और चंदन की व्यवस्था
मंदिर कमेटी ने शिवभक्तों की सुविधा के लिए जल चढ़ाने को लोटे और चांदन आदि की व्यवस्था की। मंदिर पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल, सेना और सिविल डिफेंस के सदस्य तैनात रहे। मंदिर के बाहर एक प्रशासनिक और जूता कैंप भी खोला गया।