रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में किया बदलाव,अब ‘बॉट्स’ नहीं कर पाएंगे टिकट बुक

रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में किया बदलाव,अब 'बॉट्स' नहीं कर पाएंगे टिकट बुक
  • आम लोगों को राहत, एजेंट्स की मनमानी पर लगेगा ब्रेक

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग सिस्टम में बड़े बदलावों की घोषणा की है, ताकि आम यात्रियों को इसका लाभ मिल सके और एजेंट्स व बॉट सॉफ्टवेयर की मनमानी पर रोक लगाई जा सके। नए नियम 1 जुलाई से चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे और इनमें सबसे बड़ा बदलाव है कि आधार से सत्यापन होगा और बॉटयूज़र्स पर सख्त कार्रवाई होगी।

आधार अनिवार्य, बॉटयूज़र्स पर शिकंजा

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रेलवे के अनुसार पिछले 6 महीनों में 2.5 करोड़ संदिग्ध आईआरसीटीसी आईडी को ब्लॉक किया गया है। जिनसे बॉट सॉफ्टवेयर के जरिए टिकट बुक किए जा रहे थे।अब तत्काल ई-टिकट बुकिंग केवल आधार वेरीफाइडयूज़र्स के लिए ही मान्य होगी। 1 जुलाई से आईआरसीटीसी ऐप पर केवल उन्हीं खातों से तत्काल बुकिंग होगी, जिनका आधार सत्यापन पूरा है। 15 जुलाई से OTP के ज़रिए आधार ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया भी लागू की जाएगी।

मोबाइल ओटीपी जरूरी होगा

रेलवे ने स्टेशन की विंडो टिकट बुक करने वालों को अब मोबाइल नंबर देना होगा। जिस पर एक ओटीपी आएगा। ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद ही टिकट जनरेट होगा। यह नया नियम भी 15 जुलाई से लागू किया जाएगा।

पहले आधे घंटे तक एजेंट नहीं कर सकेंगे बुकिंग

अब ट्रेनों में एसी क्लास की तत्काल टिकट सुबह 10 बजे से 10:30 बजे तक ही केवल आम यात्री (व्यक्तिगत यूज़र) और पीआरएस काउंटर के माध्यम से बुक कर सकेंगे। सुबह 11 से 11:30 बजे तक नॉन एसी क्लास की बुकिंग भी उन्हीं के लिए आरक्षित होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आम लोगों को प्राथमिकता मिले और एजेंट सिस्टम को हाइजैक न कर सकें।

गैर-आधार यूज़र के लिए क्या विकल्प

यदि कोई यात्री आधार से लिंक नहीं है, तो वह पीआरएस काउंटर से या अधिकृत ट्रैवल एजेंट के माध्यम से टिकट बुक करा सकता है।रेलवे की यह नई पहल उन लाखों आम यात्रियों के लिए राहत लेकर आई है, जो हर दिन एजेंट्स और बॉट सॉफ्टवेयर के चलते टिकट पाने से वंचित रह जाते थे

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