Sovereign Gold Bond: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2023-24 सीरीज-3 18 दिसंबर 2023(सोमवार) को खुल रही है, आप इसे 22 दिसंबर 2023(शुक्रवार) तक खरीद सकते है और ये 28 दिसंबर 2031 को मैच्योर होंगे। इसके बाद सस्ता सोना ख़रीदने का अगला मौका आपको सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2023-24 सीरीज-4 के रूप में 12 से 16 फ़रवरी 2024 को मिलेगा, जिसकी मैच्योरिटी की तारीख़ 21 फ़रवरी 2032 होगी।
भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) ने Sovereign Gold Bond 2023-24 series-3 के इश्यू प्राइस फिक्स कर दिए हैं। 1 ग्राम सोने की कीमत 6,199 रुपये तय की गई है, लेकिन अगर आप इसे ऑनलाइन खरीदते हैं, तो आपको 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी यानी आपको 1 ग्राम सोने के लिए 6,149 रुपये देने होंगे।
What is Sovereign Gold Bond Scheme? सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम क्या है?
Sovereign Gold Bond Scheme: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(SGB) भारत सरकार की एक पहल है, जिसे नवंबर, 2015 में शुरू किया गया था। यह एक ऐसी योजना है, जिसे सरकार द्वारा सोने के मुद्रीकरण के लिये शुरू किया गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(SGB) भौतिक सोने(Physical Gold) के विकल्प के रूप में जारी किए जाते हैं।
SGB में निवेश करने के लिए आपको मिनिमम 1 ग्राम गोल्ड में निवेश करना पड़ेगा और इसकी मैच्योरिटी की अवधि(period) 8 साल की होती है, लेकिन आप इन्हें 5 साल पूरे होने पर भी मैच्योर करा सकते हैं। अगर आपके पास डीमेट अकाउंट है, तो आप इनके मैच्योर होने से पहले इन्हे स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के माध्यम से भी बेच सकते हैं।
Sovereign Gold Bond बनाम Physical Gold कौनसा विकल्प है बेहतर?
Sovereign Gold Bond: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(SGB) को आप घर पर बैठे ही ऑनलाइन खरीद सकते हैं, जबकि फिजिकल गोल्ड खरीदने के लिए आपको बाजार में जाना पड़ेगा और साथ ही Sovereign Gold Bond पर आपको 2.5% सलाना ब्याज भी मिलता है, जो अर्ध-वार्षिक(half yearly) देय है और यह ब्याज कर योग्य(taxable) होता है।
फिजिकल गोल्ड को खरीदते समय आपको 3% जीएसटी देनी पड़ती है, लेकिन SGB पर कोई जीएसटी नहीं लगती। फिजिकल गोल्ड को खरीदकर आपको इसे घर पर या लॉकर में रखना पड़ता है, जिससे आपको सुरक्षा(safety) की चिंता बनी रहती है, लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(SGB) में स्टोरेज की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं होती है, और साथ ही इसमें शुद्धता(purity) की भी कोई चिंता नहीं होती है।
How to buy Sovereign Gold Bond(SGB)? सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कैसे खरीदें?
Sovereign Gold Bond: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारत सरकार की ओर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) जारी करता है। आप इन्हे बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नॉमिनेटेड डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के माध्यम से खरीद सकते हैं, आप इसमें ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से निवेश कर सकते हैं।
अगर आपके पास डीमेट अकाउंट है, तो आप SGB को खरीदने के लिए सेबी रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर्स के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं। यदि आपने बॉन्ड जारी होने की अवधि के दौरान इसमें सीधे निवेश नहीं किया है, तब भी आप इन्हें द्वितीयक बाजार में खरीद सकते हैं, स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने के बाद आप इन्हें वहां से खरीद सकते हैं।
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Tax benefits of Sovereign Gold Bond – सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने पर टैक्स के फायदे:
- आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(SGB) को मैच्योर होने तक यानी 8 साल तक होल्ड करके रखते हैं, तो इससे होने वाली आय पर कोई टैक्स नहीं लगता हैं।
- अगर आप इन्हें 3 साल पूरे होने के बाद बेचते हैं, तो आपको इससे होने वाली आय पर टैक्स स्लैब(tax slab) के अनुसार टैक्स देना पड़ता है।
- तीन साल पूरे होने से पहले बेचने पर इससे होने वाली आय पर आपको 20% टैक्स देना पड़ता है।
Benefits of Sovereign Gold Bond – सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फ़ायदे:
- फिजिकल गोल्ड को खरीदकर आपको इसे घर पर या लॉकर में रखना पड़ता है, जिससे आपको सुरक्षा(safety) की चिंता बनी रहती है, लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(SGB) में स्टोरेज की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं होती है।
- बाज़ार से सोना ख़रीदने पर आपको शुद्धता(purity) की चिंता रहती है, लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(SGB) में शुद्धता(purity) की भी कोई चिंता नहीं होती है।
- Sovereign Gold Bond पर आपको 2.5% सलाना ब्याज भी मिलता है, जो अर्ध-वार्षिक(half yearly) देय होता है।(यह ब्याज कर योग्य(taxable) है)
- अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(SGB) को मैच्योर होने तक यानी 8 साल तक होल्ड करके रखते हैं, तो इससे होने वाली आय पर कोई टैक्स नहीं लगता हैं।
Risk of Sovereign Gold Bond – सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर जोखिम:
- अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(SGB) को मैच्योर होने से पहले बेचना चाहते हैं, तो आपको लिक्विडिटी(लिक्विडिटी, फाइनेंशियल एसेट या सिक्योरिटी की क्षमता है, जो तुरंत और आसानी से कैश में बदल जाती है) का मुद्दा आ सकता है और आपको अपने बॉन्ड को बाजार में चल रहे सोने के भाव से कम मूल्य में भी बेचना पड़ सकता है।
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(SGB) का मूल्य सोने की कीमत से जुड़ा हुआ है, जिसमें काफी उतार-चढ़ाव हो सकता है। सोने की कीमत में गिरावट होने पर निवेशकों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
Disclaimer:
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