प्रभारी मंत्री कान्हा उपवन पहुंचे तो व्यवस्थाओं की खुल गई पोल, नगर स्वास्थ्य अ​धिकारी पर गाज

प्रभारी मंत्री कान्हा उपवन पहुंचे तो व्यवस्थाओं की खुल गई पोल, नगर स्वास्थ्य अ​धिकारी पर गाज
  • प्रभारी नगर स्वास्थ्य अ​धिकारी के ​खिलाफ जांच बैठाने के दिए आदेश, रिकवरी भी होगी
  • भाजपा पार्षद ने मृत गोवंश के फोटो दिखाकर नगर विकास मंत्री और प्रभारी मंत्री से की थी ​​शिकायत

मेरठ में नगर निगम की परतापुर भूडबराल में गोशाला में भूख से तड़प तड़प कर मर रहे गोवंश के मामले को प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने दिन निकलते ही संज्ञान में लिया। प्रभारी मंत्री परतापुर गोशाला पहुंचे तो निगम अ​धिकारियों की कार्य प्रणाली और व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। प्रभारी मंत्री ने गोशाला में खराब व्यवस्थाओं को लेकर नगरायुक्त को फटकार लगायी और प्रभारी नगर स्वास्थ्य अ​धिकारी डॉ. हरपाल सिंह से कार्य भार छीनने के साथ ही जिला​धिकारी स्तर से हरपाल सिंह की जांच कराने और धन की रिकवरी करने की बात कही। प्रभारी मंत्री के निर्देश पर मंडलायुक्त ने हृ​र्षिकेश भास्कर यशोद ने अस्थाई तोर पर परी​क्षितगढ़ स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा​धिकारी डॉ. अमर​ सिंह को नगर स्वास्थ्य अ​धिकारी की जिम्मेदारी दी है।

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हुआ यूं कि शुक्रवार को मेरठ के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह मेरठ आए थे। तभी सर्किट हाउस पहुंचकर भाजपा पार्षद उत्तम सैनी ने नगर निगम की गोशाला में मृत गोवंश के फोटो प्रभारी मंत्री को दिखाते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। पार्षद ने आरोपी निगम अ​धिकारियों के ​खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उस समय सर्किट हाउस में मौजूद महापौर हरिकांत अहलुवालिया और अन्य कई नेताओं ने भी नगर निगम के अ​धिकारियों की कार्य प्रणाली की ​शिकायत की थी। जिसपर उस समय भी बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री ने नगरायुक्त को फटकार लगाते हुए व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए थे।

प्रभारी मंत्री के निर्देश के बाद नगर निगम के अ​धिकारियों ने गोशाला से कुछ गोवंश को भगा दिया। यह सूचना भी प्रभारी मंत्री के पास पहुंच गई। फिर क्या था कि उप्र सरकार के कैबिनेट पशुधन मंत्री और​ मेरठ प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह परतापुर गोशाला पहुंच गए। उन्होंने गोशाला में गोवंश की दुर्दशा देखी। बीमार और स्वस्थ्य गोवंश को भूसे की तरह भरा पाया, तो वह दंग रह गए। बस फिर क्या था कि उन्होंने गोशाला परिसर में कुर्सी डाल ली। इनके साथ राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, महापौर हरिकांत अहलुवालिया, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, जिलाध्यक्ष ​​शिवकुमार राणा आदि भी थे।

प्रभारी मंत्री ने नगरायुक्त को फटकार लगाते हुए कहा कि जिस तरह से गोशाला में गोवंश की व्यवस्था है वह ठीक नहीं है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि प्रभारी नगर स्वास्थ्य अ​धिकारी डॉ. हरपाल सिंह को हम निलंबित तो नहीं करेंगे, लेकिन कड़ी कार्रवाई जरूर की जाएगी। जिला​धिकारी स्तर से इनकी जांच कराकर सरकारी खजाने की रिकवरी भी की जाएगी। उन्होंने नगरायुक्त को निर्देश दिए कि तत्काल प्रभाव से डॉ. हरपाल को पद मुक्त किया जाए। इनके स्थान पर दूसरे चिकित्सक को जिम्मेदारी दी जाए।

तीन दिन में अस्थाई गोशाला का होगा विस्तार

प्रभारी मंत्री ने नगरायुक्त को निर्देश दिए कि गोशाला का विस्तार किया जाए। तीन दिन में नई अस्थाई गोशाला तैयार हो। जिसमें कुछ गोवंश को रखा जाए। ताकि सभी गोवंश आराम से बैठ सकें और चारा खा सकें। बीमार गोवंश के इलाज में कोताही न बरती जाए। दवाईयों की कमी हो तो बताया जाए। उन्होंने नगरायुक्त को निर्देश दिए कि वह स्थाई गोशाला निर्माण के लिए भी प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजें।

नगर स्वास्थ्य अ​धिकारी डॉ. गजेन्द्र भी निगम से हटाए

नगर निगम में काफी समय से तैनात नगर स्वास्थ्य अ​धिकारी डॉ. गजेन्द्र ​ सिंह को भी मंडलायुक्त ने नगर निगम से कार्य मुक्त कर दिया है। इनको मुख्य चि​कित्सा​धिकारी कार्यालय से अटैच किया गया है।

असली जिम्मेदार नगरायुक्त, सरकार से करेंगे हटाने की मांग

पार्षद उत्तम सैनी ने कहा कि गोशाला में गोवंश की मौत का जिम्मेदार डॉ. हरपाल सिंह ही नहीं ब​ल्किनगरायुक्त भी हैं। पूर्व में कई बार ​शिकायत करने के बाद भी नगरायुक्त ने कोई संज्ञान नहीं लिया था। जिसका पूरा चिट्ठा हम नगर विकास कै​बिनेट मंत्री एके शर्मा को भी सौंप चुके हैं। नगरायुक्त की जांच कराकर कार्रवाई की जानी चाहिए। तभी गोवंश की मौत के दुख से उबर पाएंगे।

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