पीएम ने गुजरात के दाहोद में 24 हजार करोड़ की विकास परियोजनाओं का किया शिलान्यास,और लोकार्पण- आदिवासी समाज के विकास के लिए पिछले 11 वर्षों में अभूतपूर्व प्रयास करने का दावा
- ऑपरेशन सिंदूर को केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि भारतीयों के मूल्यों और भावनाओं की अभिव्यक्ति बताया
गुजरात/ दाहोद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 140 करोड़ भारतीय एक विकसित भारत के निर्माण में एकजुट हैं। भारत अब स्मार्टफोन, ऑटोमोबाइल, खिलौने, रक्षा उपकरण और दवाओं सहित कई तरह के उत्पादों का निर्यात कर रहा है।भारत न केवल रेल और मेट्रो तकनीक का निर्माण कर रहा है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर निर्यात भी कर रहा है। मोदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि भारत के मूल्यों और भावनाओं का प्रतिबिंब था”। उन्होंने टिप्पणी की कि आतंकवादियों को अपने कार्यों के परिणामों का कोई अंदाजा नहीं था, उन्होंने अपने बच्चों के सामने एक पिता की हत्या की क्रूरता को याद किया। उन्होंने कहा कि ऐसी तस्वीरें अभी भी पूरे देश में गुस्सा पैदा करती हैं

यह बात पीएम ने गुजरात के दाहोद में 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखते और उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने वेरावल और अहमदाबाद के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस और वलसाड और दाहोद स्टेशनों के बीच एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि 26 मई का दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसी दिन उन्होंने 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
उन्होंने दाहोद के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों और क्षेत्र से जुड़ी कई यादों को याद करते हुए कहा कि वे दशकों से दाहोद आते रहे हैं । उन्होंने कहा कि पिछले 10-11 वर्षों में भारत के रेलवे क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। मेट्रो और सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनों की शुरूआत हुई है। वंदे भारत ट्रेनें अब लगभग 70 मार्गों पर चल रही हैं। भारत ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच और इंग्लैंड, सऊदी अरब और फ्रांस को ट्रेन कोच निर्यात करता है। उन्होंने कहा कि मैक्सिको, स्पेन, जर्मनी और इटली भी भारत से रेलवे से संबंधित घटक आयात करते हैं। श्री मोदी ने आगे कहा कि भारतीय यात्री कोच मोजाम्बिक और श्रीलंका में इस्तेमाल किए जा रहे हैं, और ‘मेड इन इंडिया’ लोकोमोटिव कई देशों को निर्यात किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के निरंतर विस्तार को दर्शाता है तथा राष्ट्रीय गौरव को मजबूत करता है।
उन्होंने कहा कि दाहोद, वडोदरा, गोधरा, कलोल और हलोल ने सामूहिक रूप से गुजरात में एक उच्च तकनीक इंजीनियरिंग और विनिर्माण गलियारा स्थापित किया है। दाहोद में अब भारत के सबसे शक्तिशाली इंजनों- 9,000-हॉर्सपावर इंजन का उत्पादन करने वाली एक सुविधा है, जो राष्ट्र के लिए गौरव का क्षण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गोधरा, कलोल और हलोल में विनिर्माण इकाइयों, छोटे उद्योगों और एमएसएमई की महत्वपूर्ण है। गुजरात का यह क्षेत्र साइकिल और मोटरसाइकिल से लेकर रेलवे इंजन और विमान तक सब कुछ बनाने के लिए जाना जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार आदिवासी गांवों के उत्थान के लिए एक बड़ी योजना शुरू की गई है। श्री मोदी ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र ने संकट के समय स्वतंत्रता सेनानी तात्या टोपे का साथ दिया और मानगढ़ धाम गोविंद गुरु और सैकड़ों आदिवासी योद्धाओं द्वारा किए गए बलिदान का प्रतीक है। इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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