विवादों से घिरी फिल्म: "72 हूरें" फिल्म टीजर से ही विवादों में फंसी रही है।

JNU में विशेष स्क्रीनिंग: फिल्म की एक विशेष स्क्रीनिंग जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (JNU) में 4 जुलाई को होगी।

 फिल्म "72 हूरें" के निर्माता इसे कश्मीरी मुसलमानों और छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण फिल्म मानते हैं, जो आतंकवादी शिविरों की वास्तविकता को उजागर करती है।

फिल्म के निर्देशक ने अपराधियों द्वारा विकृत मान्यताओं और ब्रेनवॉशिंग के प्रभाव में आने के बारे में टिप्पणी की है।

"72 हूरें" कहानी का पैंतृक अंदाज है, जिसमें काल्पनिक कहानियां लोगों को आतंकवादियों में बदलने के लिए धर्म के नाम पर उपयोग होती हैं।

"72 हूरें" फिल्म का मुख्य उद्देश्य लोगों को आतंकवाद के खतरों के प्रति जागरूक करना है।

फिल्म में कश्मीरी मुस्लिमों के जीवन और उनकी दयनीयता पर प्रतिस्पर्धा की गई है।

"72 हूरें" एक सामाजिक संदेश लेने की कोशिश करती है, जहां आतंकवाद के पीछे की वास्तविकता और उसके पीड़ित व्यक्तियों के अनुभव को दर्शाया जाता है