भारत एक ऐसा देश है जहां सदियों से धर्म और आध्यात्म का प्रचलन रहा है।

यहां कई तरह के धार्मिक ग्रंथ मौजूद हैं, जिनमें से कुछ तो बहुत ही प्राचीन हैं।

इन ग्रंथों में कई तरह की रहस्यमय बातें भी लिखी हुई हैं, जिनमें से कुछ तो आज भी लोगों को हैरान करती हैं।

इस ग्रंथ को एक यक्षिणी ने लिखा था, जिसने इसे लिखने के बाद किसी कारणवश श्राप दे दिया था कि जो भी व्यक्ति इस ग्रंथ को बुरी नियत से पढ़ेगा उसकी मृत्यु हो जाएगी

वहीं जो व्यक्ति नीलावंती ग्रंथ को अधूरा पढ़ेगा वह पागल हो जाएगा।

नीलावंती ग्रंथ के बारे में कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं। कहा जाता है कि एक बार एक व्यक्ति ने इस ग्रंथ को पढ़ने की कोशिश की थी।

लेकिन जैसे ही उसने ग्रंथ खोला, उसके सामने एक भयानक दृश्य दिखाई दिया।

उसने देखा कि एक यक्षिणी उसे घूर रही है। डर के मारे वह वहां से भाग गया और फिर कभी उसने ग्रंथ को नहीं छुआ।

नीलावंती ग्रंथ कहां है, इस बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। कुछ लोगों का मानना है कि यह ग्रंथ किसी गुप्त स्थान पर छिपा हुआ है

क्या नीलावंती ग्रंथ वाकई में शापित है?

नीलावंती ग्रंथ के बारे में जो कहानियां प्रचलित हैं, वे काफी डरावनी हैं। लेकिन क्या इन कहानियों में कोई सच्चाई है? क्या नीलावंती ग्रंथ वाकई में शापित है?

बल्कि ये कहानियां लोगों की अंधविश्वासों और कल्पनाओं पर आधारित हैं।