- आज ही दिन 16 अप्रैल 1853 को देश में संचालित हुई थी सबसे पहली रेल
- रेलवे अश्विनी वैष्णव ने ऋषिकेश योग नगरी रेलवे स्टेशन का भी किया निरीक्षण
देहरादून। केंद्रीय रेल मंत्री बुधवार को देवप्रयाग और जानसू के बीच बन रही जानसू टनल का दौरा किया। जिसका बुधवार को ही ब्रेकथ्रू हुआ। इस दौरान उन्होंने योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का भी निरीक्षण किया।

इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देवप्रयाग और जनासू के बीच ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के अंतर्गत बन रही सबसे लंबी 14.57 किमी की टी-8 और टी-8 एम डबल ट्यूब सुरंगों का ब्रेकथ्रू सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को साथ लेकर जनासू रेलवे स्टेशन पहुंचकर सुरंग निर्माण कार्य का अवलोकन किया। इनके साथ गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी और राज्य के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत रहे।
नई तकनीक से तैयार की जा रही है सुरंग
14.57 किलोमीटर लंबी इन सुरंगों का निर्माण अत्याधुनिक टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) की मदद से किया गया है, जो परियोजना की तकनीकी दक्षता को दर्शाता है। वहीं, परियोजना की शेष सुरंगों का निर्माण पारंपरिक ड्रिल एंड ब्लास्ट तकनीक से किया जा रहा है। क्षेत्र की जटिल भूगर्भीय परिस्थितियों को देखते हुए सुरंगों की खुदाई के लिए विशेष टीबीएम मशीनें जर्मनी से मंगाई गई थीं। इसके अलावा जनासू से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर एक वर्टिकल शाफ्ट भी बनाई गई है।
रेल मंत्री ने सुरंग परियोजना को उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। ये पहाड़ी क्षेत्रों में रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की आधुनिक तकनीक से सुरंग निर्माण भविष्य की परियोजनाओं के लिए मिसाल बनेगा।उन्होंने कहा कि आज का दिन इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि आज के दिन ही भारत में 1853 को पहली रेल बोरीबंदर से ठाणे के बीच चली थी।
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