सुबह से शाम तक मेरठ के सभी बाजारों में प्रतिष्ठानों पर लटके रहे ताले
शिक्षण संस्थान, चिकित्सक, पेट्रोल पंप और मंडियां भी नहीं खुली
मेरठ। पहलगाम में आतंकवादी घटना से आहत मेरठ वासियों ने शनिवार को शहर से लेकर देहात तक बाजार बंद रखे। पहली बार ऐसा हुआ कि मेरठ में हिंदु-मुस्लिमों इलाकों में बंद पूर्णत: सफल रहा। सभी लोगों ने आतंकी हमले में मारे गए लोगों की आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थनाएं की। विरोध में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने सड़कों पर उतरकर जुलूस निकाला। दिन भर सड़केंसूनीपड़ी रही। एक ही दिन में करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ। लोगों ने आतंकवादियों से शीघ्र बदला लेने की सरकार से मांग रखी।

आतंकी घटना के बाद से ही क्रांति धरा मेरठ के निवासी आक्रोशित चले आ रहे हैं। घटना के विरोध में पाकिस्तान के पुतले दहन और मारे गए लोगों की आत्माओं की शांति के लिए मोमबत्ती जुलूस निकाले जा रहे हैं। व्यापारियों के आहवान पर शनिवार को मेरठ का कोई बाजार नहीं खुल पाया।

शहर में लॉकडाउन जैसी स्थिति देखने को मिली। मेरठ के घंटाघर, दिल्ली रोड, बागपत रोड, खेरनगर, बच्चा पार्क, लाला का बाजार, सुभाष बाजार, लिसाड़ी गेट, भुमिया का पुल, हापुडअडडा चौराहा, गढ़ रोड, फूलबाग कालोनी, शास्त्रीनगर, गंगानगर, मोदीपुरम, कंकरखेड़ा आदि इलाकों में सभी बाजार बंद रहे।

शहर में पानी, बीडी, सिगरेट, दंवाईयों की दुकानों पर भी ताले लटके रहे। दोपहर तक सभी पेट्रोल पंप बंद रहे। सब्जी मंडी में भी केवल सुबह आठ बजे तक ही कारोबार हुआ। गल्ला मंडी में एक भी दुकान नहीं खुल सकी।

संयुक्त व्यापार संघ के उपाध्यक्ष नीरज मित्तल ने कहा कि पहलगाम में आतंकियों ने हमला करके औछी हरकत का परिचय दिया है। ये सबकुछ पाकिस्तान के इशारे पर हो रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शीघ्र ही आतंकवादियों के नापाक इरादों पर पानी फेरने का काम करेंगे। भारत किसी के सामने झुकने वाला नहीं है। एक -एक व्यक्ति की मौत का बदला लिया जाएगा।
सड़कों पर क्रिकेट खेलते रहे बच्चे
मेरठ बंद के दौरान शनिवार को बाजारों की सड़केंसूनी हो गई। इसका फायदा क्षेत्र के बच्चों ने भरपूर उठाया। सभी ने सड़कों को खेल का मैदान बना लिया। क्रिकेट खेलकर खूब चौके छक्के लगाए।