🟩कल्कि भगवान विष्णु के अंतिम अवतार हैं प्राचीन हिंदू शास्त्रों में संभाला को कल्कि का जन्म स्थान कहा गया है। संभाला एक पौराणिक स्वर्ग है जिसका उल्लेख प्राचीन हिंदू शास्त्रों सहित कालचक्र तंत्र और प्राचीन लेखन जैसे झांगझोंग संस्कृति में मिलता है। जिन लोगों को झांगझोंग संस्कृति के बारे में नहीं पता तो उन्हें हम बता दें कि झांगझोंग संस्कृति पश्चिमी तिब्बत में बौद्ध धर्म का प्रचार करती है।
सम्भल = शांति का स्थान या मोन का स्थान, श्रीमत भागवत महापुराण के बारहवें स्कंद के अनुसार सम्भल ग्राम में विष्णुयशस नाम के एक ब्रहामण होंगे उनका ह्रदय बड़ा उदार और भगवत भक्तिपूर्ण होगा उन्हि के घर कल्कि भगवान अवतार ग्रहण करेंगे. जन्म श्रुति के अनुसार केवल शुद्ध ह्रदय वाले लोग ही उस स्थान पर रह सकेंगे जहां प्रेम और ज्ञान ही शासक होंगे ऐसा माना जाता है कि जब कलयुग का अंत होगा तब भगवान कल्कि अवतरित होंगे।
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार समय को मुख्य रूप से चार भागों या युगों में विभाजित किया गया है- सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग। मनुष्य वतर्मान में कलयुग काल में जी रहा है जो लगभग 4 लाख 32 हजार वर्षों तक रहता है।यह काल लगभग 5 हजार पहले कुरूक्षेत्र के युद्ध के बाद शुरू हुआ था इसलिए भगवान कल्कि के आने में अभी कलयुग के लगभग 4 लाख 27 हजार वर्ष शेष बचें है।
सफेद घोड़े पर सवार होकर तलवार से पापियों का नाश करेंगे भगवान कल्कि (kalki avatar of vishnu)
🟩पुराणों के अनुसार भगवान कल्कि पंख वाले सफेद घोड़े पर सवार होकर अपनी तेज तलवार से पापियों का नाश करेंगे। यह माना जाता है कि जब मानवता पूरी तरह से अपने नैतिक उत्तरदायित्व को पूरी तरह से त्याग देगी तक कल्कि अवतार इस संसार के विनाश का कारण बनेंगे। कल्कि अवतार का मुख्य उद्देश्य न्याय और अच्छे सिद्धांतो की पुनः स्थापना करना है जो कलयुग के अंत तक नष्ट हो चुके होंगे।
पाखंड और संघर्ष का कलयुग
🟩कलयुग के अंत तक लोगों में शास्त्रों को समझने की चेतना पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। पूरे विश्व की आबादी इस हद तक कम हो जाएगी कि धर्म और अधर्म के बीच का फर्क समझने वाला भी कोई नहीं बचेगा फिर उस समय जब सभी सिद्धांतों का नाश हो जाएगा कोई मानवता नहीं बचेगी और जब कोई विकल्प नहीं बचेगा तब भगवान कल्कि अवतरित होंगे।वो अपने सफेद घोड़े पर तलवार लेकर चलेंगे और सभी दुष्ट और अधार्मिक प्राणियों का खात्मा करेंगे और फिर धार्मिकता और सच्चाई के नए स्वण युग का आरंभ होगा।
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी (kalki avatar of vishnu)
नास्त्रेदमस के अनुसार ये महान व्यक्ति अपने सिंहासन से उतरेगा और अपनी तलवार से बुराई पर प्रहार करेगा। श्रीमत भगवत गीता के अनुसार भगवान कल्कि व नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के अनुसार कई समानताएं हैं।
कोन इस बात से सहमत नहीं होगा कि पृथ्वी अपने जीवनमंडल में कई असाधारण गिरावट से गुजरी है। कोन इस बात के खिलाफ जाएगा कि पृथ्वी पर एक शुद्ध जीवन जीना हर गुजरते साल के बाद अधिक कठिन और चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। आज कोन है जो इस सामाजिक पतन , राजनीति उथल-पुथल ,आर्थिक अराजकता और अंतहीन युद्धों के कारण परेशान नहीं है।
यदि हम कल्कि अवतार के बारे में हुए पुर्वानुमान और अनेक भविष्यवाणीयों पर बहस तर्क वितर्क छोड़ दें तो हम देखेंगे कि वास्तव में हमें एक ऐसे मार्गदर्शक की आवश्यकता है जो हमें धर्म और अधर्म का सही पाठ सिखा सके और इस अमुलय जीवन को जीने का सही मार्ग दिखा सके।
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