जानिए, 1857 की क्रांति के अग्रदूत, कौन थे वो वीर सपूत जिन्होंने देश की आजादी को चूम लिए फांसी के फंदे

जानिए, 1857 की क्रांति के अग्रदूत, कौन थे वो वीर सपूत जिन्होंने देश की आजादी को चूम लिए फांसी के फंदे
  • क्रांतिधरा के नाम से इतिहास के पन्नों में दर्ज है मेरठ, देश की आजादी से जुड़े हैं अनेकों स्थान

क्या आप जानना चाहते हैं कि देश आजादी के लिए भारतीय क्रांतिकारियों ने कैसे बलिदान दिए। तो क्रांतिधारा मेरठ के शहीद स्मारक आइए। आपको पता है कि आज आप जिसआजाद भारत में खुली हवा में सांस ले रहे हैं। वह देन किसकी है। वह हमारे भारतीय वीर सपूतों की। जिन्होंने 10 मई 1857 को शुरू हुए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में देश की आजादी और मां भारती के ​लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदों को चूम लिया था।

ऐसे वीर सपूतों की वीर गाथा अगर आपको जाननी और सुननी है तो मेरठ में शहीद स्मारक पहुंच जाइए। शहीद स्मारक पर उन वीर सपूतों के नाम भी पढ़ने को मिलेंगे। स्मारक परिसर में बने संग्रहालय में 1857 के विद्रोह से जुड़ी घटना, संबंधित कलाकृतियां, दस्तावेज और तस्वीरें भी देखने को मिलेंगी।

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पर्यटन विभाग शहीद स्मारक का जीर्णोद्धार लाल पत्थरों से किया जा रहा है। शहीद स्मारक की दीवारों पर स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े चित्र और पहलुओं को लिखकर और तस्वीर के माध्यम से दिखाया जा रहा है।

शहीद स्मारक का हर कोना गुनगुनाता है क्रांतिवीरा की वीर गाथा

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शहीद स्मारक परिसर ही पूरी तरह से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित है। यहां का हर कोना क्रांतिवारों की गाथा गुनगुनाता है। शहीद स्मारक पर पहुंचते ही लोगों में देशभ​क्ति का जोश पैदा हो जाता है। संग्रहालय में 1857 की क्रांति से जुड़े सभी स्थलों और वीरों की लड़ाई को पेंटिंग, पुतले, थ्रीडी तस्वीरों और डिजिटल दस्तावेजों से के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। यहां पर परिसर में एलईडी और साउंड सिस्टम लगा है। जहां से प्रतिदिन लोगों को 1857 की क्रांति से जुड़े पहलुओं के चलचित्र दिखाए जाते हैं। देश का पूरा इतिहास देख सकते हैं।

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इस इतिहास को कभी भूल नहीं पाएंगे भारतवासी

देश की आजादी के लिए भारतीय के बलिदान को भारतवासी कभी भूल नहीं पाएंगे। यह शहीद स्मारक 1857 के विद्रोह के इतिहास की गवाही देता सदैव रहेगा। यह प्रेरणादायक स्थल है। जो लोगों को देशभक्ति और बलिदान के लिए जगाता रहता है।

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शहीदों के नाम पर जलती है अमर ज्योति

शहीद स्मारक परिसर में शहीदों की याद में अमर ज्योति जलती है। जो संदेश देती है कि देश की आजादी के लिए शहीद हुए प्रत्येक क्रांतिकारी सदैव अमर रहेंगे। अमर ज्योति के दर्शन के लिए प्रतिदिन काफी लोग पहुंचते हैं। 15 अगस्त हो या फिर 26 जनवरी अथवा अन्य देशभ​क्ति दिवस सभी में यहां भारी संख्या में भारतीय पहुंचते हैं।

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वीर मंगल पांडे और शहीद धन​सिंह कोतवाल की लगी हैं प्रतिमाएं

शहीद स्मारक परिसर के सुंदर पार्क में महान क्रांतिकारी वीर मंगल पांडे और शहीद धनसिंह कोतवाल की तस्वीर लगी हैं। जो देश की आजादी में उनके असीम योगदान और वीरता को दिखाती हैं। इन वीरों को देशवासी नमन करने से नहीं थकते। शहीद स्मारक पर ही उन 85 क्रांतिकारियों के नाम अंकित हैं, जिन्होंने मां भारती के सम्मान में देश को आजादी दिलाने के​ लिए हंसते हंसते अपने प्राण दे दिए।

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