Original name of MahaBharata: महाभारत एक प्राचीन भारतीय महाकाव्य है जो हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दुनिया का सबसे लंबा महाकाव्य है, महाभारत में कुल 1,10,000 श्लोक हैं, इसमें 18 पर्व, 100 उपपर्व, और 18,000 अध्याय हैं। महाभारत में भगवान श्री कृष्ण, कौरव, और पांडवों की कहानी बताई गई है। महाभारत की कहानी दो शाखाओं, पांडवों और कौरवों के बीच हुए युद्ध के इर्द-गिर्द घूमती है।
आरंभ में महाभारत को पहले “जय संहिता” कहा जाता था। यह एक छोटा महाकाव्य था जिसमें केवल 8,800 श्लोक थे, इसे वेद व्यास जी ने बोला था और भगवान गणेश जी ने लिखा था।।बाद में, वेद व्यास ने “जय संहिता” को विस्तारित किया और इसे “भारत संहिता” कहा जाने लगा। यह महाकाव्य 24,000 श्लोकों का था।
इसे वैशम्पायन ऋषि ने जन्मजेय को सुनाया था। बाद में कई कहानियों को जोड़कर पुस्तक के श्लोकों की कुल संख्या 1,10,000 हो गई, जिन्हें पूरा करने में कई शताब्दियाँ बीत गई। अन्त में पुस्तक का नाम “महाभारत” रखा गया। इसे शोणिक ऋषि ने वैशम्पायन से सुनकर दंडकारण्य में अन्य ऋषियों को सुनाया था।
“महाभारत” नाम का अर्थ है “बड़े भारत की कहानी”। यह नाम इस बात का प्रतीक है कि महाभारत केवल एक युद्ध की कहानी नहीं है, बल्कि यह भारत के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
महाभारत के नामकरण के पीछे का सटीक कारण अज्ञात है। हालांकि, कुछ संभावित कारण हैं। संभव है कि महाभारत का नामकरण भरत को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया हो, या इसकी लंबाई के कारण।
महाभारत का असली नाम: जय संहिता से महाभारत तक
जैसा कि आप जानते हैं, महाभारत का प्रचलित नाम “महाभारत“ है, जिसका अर्थ है “भारत का महाकाव्य”। लेकिन, प्राचीन काल में, इसे “जय संहिता” के नाम से जाना जाता था। “जय” का अर्थ है “विजय” और “संहिता” का अर्थ है “संग्रह”। इस नाम का कारण महाभारत के मूल स्वरूप से जुड़ा है।
महाभारत का असली नाम क्यों बदला गया? Why was the Original Name of Mahabharata changed?
महाभारत के नामकरण के पीछे का सटीक कारण अज्ञात है। हालांकि, कुछ संभावनाएं हैं। मूल रूप से, महाभारत को “जयसंहिता” कहा जाता था। यह 24,000 श्लोकों का एक छोटा महाकाव्य था। बाद में, इसे “भारत” कहा जाने लगा। यह नाम कुरु जनजाति के पूर्वज, भरत के नाम पर रखा गया था। भरत को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता है।
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अंत में, महाभारत की लंबाई बढ़कर 1,10,000 श्लोकों तक पहुंच गई। इस समय, इसे “महाभारत” कहा जाने लगा। “महा” का अर्थ “बड़ा” होता है। इस प्रकार, “महाभारत” का अर्थ है “महान भारत”।
महाभारत का असली नाम क्या होना चाहिए? What should be the real name of Mahabharata?
यह एक व्यक्तिगत पसंद का मामला है कि कोई महाभारत का असली नाम क्या मानता है। कुछ लोग मानते हैं कि “जय संहिता” ही महाभारत का असली नाम है, जबकि अन्य मानते हैं कि “महाभारत” ही इसका सही नाम है।
मेरा मानना है कि दोनों नाम महाभारत के लिए समान रूप से उपयुक्त हैं। “जय संहिता” नाम महाभारत की मूल कहानी को दर्शाता है, जबकि “महाभारत” नाम इसके विशाल और जटिल स्वरूप को दर्शाता है।
FAQ-Original name of Mahabharata
1. “जय संहिता” महाभारत का पहला नाम कैसे बना?
इसका सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन संभावना है कि “जय” युद्ध में विजय या अच्छाई की जीत का प्रतीक हो सकता है, और “संहिता” संग्रह या संकलन को दर्शाता है। कहानी मूल रूप से कुरुक्षेत्र के युद्ध पर केंद्रित रही होगी।
2. “भारत संहिता” नाम का क्या अर्थ है और यह कैसे उत्पन्न हुआ?
“भारत” कुरुवंश के पूर्वज भरत के नाम से लिया गया है, जिनकी वंशज कहानी के मुख्य पात्र पांडव और कौरव हैं। इस नाम से महाकाव्य का दायरा कुरुक्षेत्र के युद्ध से आगे बढ़कर पूरे भारत वंश और उन से जुड़ी वंशावली पर जोर देता है।
3. “महाभारत” नाम कब और क्यों सामने आया?
महाभारत के अंतिम रूप में इसकी लंबाई (लगभग 1,10,000 श्लोक) के कारण “महा” उपसर्ग जुड़ा माना जाता है। यह इसकी विशालता और महत्व को दर्शाता है। संभवतः महाकाव्य के विस्तार और कहानी के विभिन्न पहलुओं के समावेश के साथ यह नाम उभरा हो।
4. क्या इन नामों के अलावा महाभारत के और भी नाम थे?
कुछ विद्वानों का मानना है कि “भरतवर्ष” या “भारीत” जैसे अन्य नाम भी इस महाकाव्य के लिए प्रयुक्त किए जाते थे। हालाँकि, “जय संहिता”, “भारत संहिता” और “महाभारत” ही व्यापक रूप से प्रचलित और प्रसिद्ध नाम हैं।
5. क्या नामों के बदलाव का महाभारत की कहानी या संदेश पर कोई प्रभाव पड़ा?
नामों के बदलाव से कहानी का मूल आधार नहीं बदला। हालांकि, प्रत्येक नाम महाकाव्य के अलग-अलग पहलुओं पर जोर देता है। “जय संहिता” युद्ध पर केंद्रित हो सकता है, “भारत संहिता” वंश पर, और “महाभारत” इसकी विशालता और महत्व पर।
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