24 मीटर चौड़ीसड़क पर दुकान और 45 मीटर पर बहुमंजिली इमारत बनाने पर सहमति देने जा रही सरकार
मेरठ। आवासीय भूखंडों पर दुकान और काॅमर्शियल कार्य करने वालों के लिए सरकार राहत लेकर आ रही है। सरकार ने कुछ मानकों के साथ जनता को राहत देने का मसौदा तैयार कर लिया है। अगर ऐसा होता है तो हर शहर में बड़ी संख्या में लोगों को फायदा पहुंचेगा। ऐसे प्रकरण न्यायालयों में भी विचाराधीन चल रहे हैं।
शहरों में प्राधिकरण और आवास विकास जहां कालोनियां विकसित करता है वहीं इनके क्षेत्रों में आवास या कामर्शियल भवन बनाने से पहले नक्शा पास कराना होता है। सरकारी मानक के अनुसार भूमि का स्वरूप भी तय होता है।अभी तक सरकार के आदेशानुसार आवासीय भूखंड पर कोई दुकान आदि नहीं बना सकते हैं। लेकिन अधिकतर बड़े शहरों में बड़ी संख्या में आवासीय भूखंडों पर दुकानें ही नहीं बल्कि बड़े बडे कॉमर्शियल कॉम्प्लैक्स खड़े हो गए हैं। जिनके खिलाफ प्राधिकरण या फिर आवास विकास परिषद् कार्रवाई कर रहे हैं। जनता का बड़ा नुकसान हो रहा है। जिसको लेकर काफी लोग न्यायालय की शरण ले चुके हैं। मेरठ में भी शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
इसी बीच सरकार की तरफ से नियमों में बदलाव की कुछ अच्छी खबर आ रही है। जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार 24 मीटर य इससे अधिकचौड़ीसड़कों पर आवासीय भूखंडों में अब व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति देने जा रही है। इतना ही नहीं 45 मीटर चौड़ीसड़कों पर बहुमंजिले भवन बनाने का भी रास्ता साफ हो सकता है। इसी तरह गांव में भी बदलाव करने की तैयारी है। यानी गांव में सात मीटर चौड़े मार्ग पर उद्योग लगाए जा सकते हैं।
सरकार की मंशा है कि कम भूमि पर अधिक से अधिक निर्माण कराए जाएं। यह निर्णय सरकार बढ़ती आबादी को लेकर ले रही है। सरकार ने गहन मंथन के बाद 17 साल पुरानी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2008 को नए सिरे से भवन निर्माण एवं विकास उपविधि को तैयार किया है। उप्र सरकार के प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन पी गुरु प्रसाद की तरफ से यह जानकारी दी जा रही है। भवन उपविधि 2025 के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उप्र सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनता के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं। सरकार का यह बड़ा कदम साबित होगा।
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