Capital Gain Tax: सोच रहे हैं अपना पुराना घर बेचकर नया आशियाना बनाने का? ये तो बहुत अच्छी बात है! लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर बेचने पर भी आपको टैक्स देना पड़ सकता है? जी हाँ, बिल्कुल सही सुना आपने! इनकम टैक्स विभाग की नजर में मकान बेचना भी आय माना जाता है, और आय पर टैक्स लगता है। लेकिन घबराइए नहीं! कुछ आसान से नियमों को समझकर आप इस टैक्स के झंझट से बच सकते हैं।
लोगों के लिए घर केवल एक रहने के लिए मकान नहीं होता बल्कि, एक बड़ी संपत्ति भी होता है। कई सालों की मेहनत और बचत के बाद बनाया हुआ घर या खरीदा हुआ घर बढ़ती जरूरत या अन्य किसी कारण वश बेचना पड़ जाता है। लेकिन, क्या आपको पता है पुराना घर बेचने पर आपको इनकम टैक्स देना पड़ सकता है?
नहीं पता तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आयकर अधिनियम 1961 के तहत जो भी व्यक्ति अपना घर बेचते हैं तो उससे होने वाले लाभ पर Capital Gain Tax (पूंजीगत लाभ टैक्स) लगता है। यह टैक्स आपके सालाना कमाई और घर की खरीदारी और बिक्री के बीच के अंतर वाले अमाउंट पर लगाया जाता है।
लेकिन आपको चिंतित होने की जरूरत नहीं है, कुछ परिस्थितियों में आपको टैक्स में छूट भी प्रदान किया जाता है। ऐसे में आज हम आप सभी को इनकम टैक्स से जुड़े कुछ खतरनाक नियमों के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं।
कौन सी परिस्थितियों में लगता है Capital Gain Tax ?
बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि आखिर में कौन कौन सी परिस्थितियों में इनकम टैक्स लगता है। इसके अलावा इनकम टैक्स का कौनसा नियम है जो पुराने घर बेचने में टैक्स लगता है। यही कारण है कि आप सभी को Income Tax के नियम से संबंधित सूची नीचे प्रदान की गई है।
1. अल्पकालीन पूंजीगत लाभ
उदाहरण के तौर पर समझे तो यदि कोई व्यक्ति अपना घर 1 साल के अंदर हीं बेच देते हैं तो उन्हें अल्पकालीन पूंजीगत लाभ पर टैक्स देना होगा। यह टैक्स व्यक्ति के आयकर श्रेणी के अनुसार भुगतान किया जाएगा।
2. दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ
अगर आप अपना घर 1 साल या इससे अधिक समय के बाद बेचते हैं तो इसमें भी आपको दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर टैक्स देना होगा। हालांकि, यह टैक्स आपको अल्पकालीन पूंजीगत लाभ टैक्स की तुलना में काफी कम होता है।
कब लगता है Capital Gain Tax ? साधारण शब्दों में
- अगर आपने अपना मकान एक साल से कम समय के अंदर बेचा है, तो आपको शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होगा। यह टैक्स आपकी आय के अनुसार लगेगा।
- लेकिन अगर आपने मकान एक साल या उससे अधिक समय के बाद बेचा है, तो आपको लांग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होगा। यह टैक्स शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स से कम होता है।
टैक्स की गणना: जानिए वो ‘गुप्त’ तरीका जिससे आप बचा सकते हैं हजारों रुपये!
अब लोगों को समस्या आती है कि टैक्स की गणना कैसे और किस प्रकार की जाती है? ताकि, वे और अच्छे से समझ सके की मकान बेचने पर कितना टैक्स लग सकता है। टैक्स की गणना कैसे करें? से संबंधित सूचीवार जानकारी नीचे प्रदान की गई है।
1. लाभ की गणना
सबसे पहले तो आपको अपने घर की बिक्री मूल्य से घर की खरीदारी मूल्य (स्टांप खर्च, पंजीकरण शुल्क, खरीद मूल्य इत्यादि) को घटा लेना है। इससे आपको मकान बेचने पर कितना लाभ हुआ यह पता चल जाएगा।
2. टैक्स दर
मकान बेचने पर हुई लाभ राशि पर टैक्स दर आपके आयकर श्रेणी के अनुसार और साथी हीं घर बेचने की अवधि अल्पकालीन है या दीर्घकालीन है इसपर निर्धारित किया जाता है।
कितना Capital Gain Tax देना होगा?
- यह आपके द्वारा अर्जित लाभ (कैपिटल गेन्स) पर निर्भर करता है।
- लांग-टर्म कैपिटल गेन्स पर 30% तक का टैक्स लग सकता है, जबकि शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स पर आपकी आय के अनुसार टैक्स लग सकता है।
टैक्स से बचने के तरीके?
Tax से बचने के कई सारे आसान तरीके मौजूद है। जिसे फॉलो करके आप टैक्स देने से बच सकते हैं। टैक्स से बचने के तरीकों से संबंधित सूची नीचे प्रदान की गई है।
1. साल से अधिक समय तक रखें अपना मकान
अगर आप अपना मकान 1 साल से ज्यादा समय के लिए रखते हैं तो आपको ज्यादा टैक्स देने से राहत मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि, दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर बहुत कम टैक्स देना होता है।
2. नया मकान खरीदें
यदि आप अपना मकान बेच चुके हैं और उसी पैसों से 1 साल के अंदर नया मकान खरीद लेते हैं तो आपको टैक्स पर छूट का लाभ उठा सकते हैं।
3. अन्य छूट
उदाहरण के तौर पर समझे तो यदि किसी व्यक्ति के नाम पर एक हीं मकान है तो इस परिस्थिति में भी उन्हें टैक्स पर छूट प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा भी कई सारी परिस्थिति है जिसपर टैक्स छूट प्रदान किया जाता है।
तो फिर देर किस बात की?
इन नियमों को समझकर आज ही अपने पुराने घर को बेचने की योजना बनाइए और अपने नए सपनों का घर खरीदिए! लेकिन याद रखिए, सही जानकारी के साथ ही आप इनकम टैक्स के झंझट से बच सकते हैं।
निष्कर्ष
कभी भी अपना पुराना घर बेचने से पहले इनकम टैक्स के नियमों को समझ लेना आवश्यक होता है। वहीं अगर आप (Tax) आयकर के नियमों का पालन नहीं करते हैं तो इसके लिए आपको जुर्माना के साथ साथ भारी कर भी चुकाना पड़ सकता है। इसके अलावा अगर आप Income Tax से संबंधित आज के इस लेख से जुड़े कुछ अन्य सवाल पूछना चाहते हैं तो आप अपने सवाल कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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