- माता की चौकी से हुई मेले की शुरूआत, पटेल मंडप में होंगे अनेकों रंगारंग कार्यक्रम
मेरठ। पश्चिम उप्र का ऐतिहासिक मेले नौचंदी सोमवार से गुलजार हो गया। दुकानें सजकर तैयार हैं और झूले भी घूमने शुरू हो गए हैं। मेले में कई प्रदेशों से दुकानदार दुकानें लगाने पहुंचे हैं। मेले में खैलखिलौनों के साथ कपड़े, तांबे, सिलवर, स्टील के बर्तन, लकड़ी का सामान, खेल के सामान आदि सभी की दुकानें सजी हैं। नौचंदी मेले का हलवा पराठा भी सभी के मन को भा रहा है। सोमवार को नौचंदी मेले के पटेल मंडप में होने वाले रंगारंग कार्यक्रमों की शुरूआत माता की चौकी से हुई। उप्र सरकार के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह और महापौर हरिकांत अहलुालिया ने मां की ज्योति जलायी।

मेरठ का यह ऐतिहासिक मेला आपसी भाईचारे का प्रतीक है। यहां मेला परिसर में जहां मां चंडी का मंदिर है वहीं सामने ही बाले मिया की मजार है। मंदिर में लोग पूजा करके अपनी मिन्नते मांगने आते हैं। बालेमिया की मजार पर चादरपोसी होती है। यहां प्रतिदिन कव्वाली होती हैं।
वैसे तो इस मेले का शुभारंभ प्रत्येक वर्ष होली के बाद दूसरे रविवार को होता है। लेकिन मेला लगने में कम से कम एक समय लग जाता है। क्योंकि इस मेले में आने वाले दुकानदार बुलंदशहर में भरने वाली नुमाईस में अपनी दुकानें लगाते हैं। वहीं से ये दुकानदार मेरठ नौचंदी में पहुंचते हैं।

जनता मेले से खरीददती थी दहेज का सामान
एक समय था जब शहर और देहात के लोग अपनी बेटियों की शादी के दहेज में दिया जाने वाला सामान नौचंदी मेले से ही खरीददते थे। पूरी रात मेला चलता था। सिनेमा घरों में भी सभी शो चलते थे। गांवों से लोग बैल गाडियों व अन्य साधनों से मेला देखने आते थे। नौचंदी के दौरान शहर पूरी रात जागता था। अब सबकुछ बदल गया है। मेले में भाईचारे की भी कमी देखने को मिली है।
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