the walking palm tree

चलता फिरता पेड़: प्रकृति का अनोखा चमत्कार! प्रति वर्ष 20 मीटर तक चल सकता है (The Walking Palm tree)

The Walking Palm tree: क्या आप मुझपर यकीन करेंगे कि इस दुनिया में कुछ ऐसे पेड़ होते हैं जो चल सकते हैं, एक ऐसा पेड़ जो अपनी जड़ों से हिलकर धीरे-धीरे चलता हो! अजीब लगता है, है ना? लेकिन प्रकृति ने वाकई कुछ अद्भुत रचनाएं बनाई हैं, जिनमें से एक है “वॉकिंग पाम ट्री(The Walking Palm tree)” यानी “चलने वाला ताड़ का पेड़”। जो कि लेटिन अमेरिका में पाया जाता है, यह पेड़ हर दिन 2-3 cm तक चल सकता है यानी साल के करीब 20m चल सकता है।

इस पेड़ का नाम है सुकरात एक्ज़ोरिज़ा (Socratea exorrhiza) या फिर साधारण शब्दों में कहें तो चलने वाला खजूर का पेड़ (the walking palm tree)। आमतौर पर यह पेड़ 15-20 m ऊंचे व 16 cm इनकी चोड़ाई होती है।आमतौर पर जो पेड़ होते हैं उनकी जड़ें जमीन के अंदर होती है परंतु इस walking palm tree की जड़ें थोड़ी जमीन के ऊपर होती है, यही कारण है कि ये पेड़ देखने में झाड़ू जैसे दिखते हैं।

क्या है पेड़ के चलने के पीछे की असली वजह (the walking palm tree)

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जिन घने जंगलों में ये पेड़ पाएं जाते हैं वहां पर पेड़ो के लिए धूप मिलना बड़ा मुश्किल होता है,यही कारण है कि यह पेड़ असल में धूप की कमी को पूरा करने के लिए चलकर उन क्षेत्रों में जाते हैं जहां पर धूप ज्यादा मौजूद होती है।

पेड़ के चलने का मैकेनिज्म बड़ा साफ है, जिस तरफ ज्यादा रोशनी होती है उस तरफ इस पेड़ की जड़ें उगना शुरु कर देती है और पुरानी जड़ों को ये त्याग देता है।लेकिन कुछ साइंटिस्ट का कहना है कि असल में इस प्रैक्टिस को हम चलना नहीं कह सकते। यह पेड़ अपनी बढ़ने की प्रक्रिया की वजह से इधर से उधर मूवमेंट करने लग रहा है और टेक्निकली शायद यह चलना नहीं हुआ।

यह अद्भुत पेड़ हमें क्या सिखाता है?

“वॉकिंग पाम ट्री” हमें सिखाता है कि प्रकृति कितनी अद्भुत और विविधतापूर्ण है। यह हमें यह भी सिखाता है कि हमें कठिनाइयों से हार नहीं माननी चाहिए।यह पेड़, अपनी कमजोरियों के बावजूद, धीरे-धीरे आगे बढ़ता रहता है।

अगली बार जब आप जंगल में जाएं, तो “वॉकिंग पाम ट्री” की तलाश करें।

यह आपको प्रकृति की शक्ति और लचीलेपन का अद्भुत उदाहरण दिखाएगा।

यह भी ध्यान रखें:

  • यह पेड़ लुप्तप्राय प्रजाति नहीं है, लेकिन इसे कुछ खतरों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन।
  • वैज्ञानिक “वॉकिंग पाम ट्री” के बारे में अधिक जानने के लिए लगातार अध्ययन कर रहे हैं।

यह पेड़ हमें प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का भाव रखने की प्रेरणा देता है।

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मेरठ, उत्तर प्रदेश के छोटे से गाँव पांची में जन्मे और पले-बढ़े रोहित सैनी पेशे से इंजीनियर हैं, लेकिन उनका असली जुनून लोगों तक जानकारी पहुँचाना है। वो मानते हैं कि सीखना तभी आसान और असरदार होता है जब जानकारी अपनी ही भाषा में मिले। इसी सोच के साथ उन्होंने यह खास प्लेटफॉर्म बनाया, जहाँ जटिल से जटिल विषयों को आसान और साफ़ भाषा में समझाया जाता है—वो भी हिंदी में, ताकि हर कोई बिना किसी रुकावट के सीख सके।

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Kartikey

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